पुरानी पेंशन बहाल कराने के लिए देश के 66 लाख कर्मचारी बैठेंगे परिवार सहित उपवास पर
रिपोर्ट- मनोज नौडियाल
कोटद्वार। राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली सँयुक्त मोर्चा की 11 सितम्बर को आयोजित की गई प्रदेश स्तरीय बैठक में 13 सितम्बर को एक दिवसीय पारिवारिक उपवास के कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए कर्मचारी उत्साहित हैं। बैठक में प्रदेश महासचिव ने कहा कि, सँयुक्त मोर्चा जनवरी से लगातार पुरानी पेंशन की बहाली के लिए प्रदेश में जिलास्तर पर लगातार कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। जिसकी शुरुआत जनवरी में बागेश्वर पुरानी पेंशन बहाली संकल्प के कार्यक्रम से की गई है। तत्पश्चात जून एक दिया ops के नाम कार्यक्रम में राज्य में लाखों कर्मचारियों ने अपने जीवन के अंधकार को दूर करने के लिए ops की बहाली हेतु घरों में दिए जलाए।
उसके बाद प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर nps की विसंगति को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय जागरूकता अभियान के लिए घर घर पोस्टर लगवाए। जुलाई के महीने में सँयुक्त मोर्चा ने पर्यावरण संरक्षण के माध्यम से पेड़ लगाते हुए सरकार अपने भविष्य संरक्षण हेतु ops की मांग की। 15 अगस्त को सोशल मीडिया के सबसे प्रचलित प्लेटफार्म ट्विटर पर NPS QUIT INDIA के हैशटैग को देश मे नम्बर 1 हैशटैग बनाया। शिक्षक दिवस पर शिक्षकों के सम्मान में one demand ops के लिए मांग की। सँयुक्त मोर्चा ने लगातार कोरोना काल में भी ईमानदारी से सँघर्ष को जारी रखा है। जिसे कर्मचारियों का लगातार साथ मिल रहा है।
इसी सँघर्ष का परिणाम है कि, सरकार पुरानी पेंशन के लिए नींद से जाग गयी है और केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया। आने वाले 13 सितम्बर को देश के 66 लाख कर्मचारी पुरानी पेंशन की बहाली के लिए 1 दिन का उपवास रखेंगे और सरकार से आग्रह करेंगे कि, पुरानी पेंशन को बहाल करें। प्रदेश अध्यक्ष अनिल बडोनी ने कहा कि, सरकार हमारे प्रयासों पर ध्यान दे रही है। यह बहुत अच्छी बात है। लेकिन राज्य सरकार को मात्र पत्र लिख देने भर से हमारी जीत नही है। हमने कोरोना के काल में उस माध्यम को अपना हथियार बनाया है। जिस पर सारा भारत ध्यान दे रहा था। हम और हमारी सँयुक्त मोर्चा की उत्तराखंड की सम्पूर्ण टीम हालात सामान्य होते ही जल्द ही धरातल पर वृहत आन्दोलन की योजना पर काम कर रहे हैं।
जिसमे प्रत्येक ब्लॉक से भागीदारी सुनिश्चित है। उपवास कार्यक्रम असल मे सत्याग्रह की शुरुआत है। पेंशन के प्रति जागरूकता अब धीरे-धीरे कर्मचारियों में अलख जगा रही है। जिसके कारण लोग एक जुट हो रहे हैं। उत्तराखंड में 2 लाख के आस पास कर्मचारी है। ये कर्मचारी यदि पेंशन के लिए एक जुट हो जाएं तो सरकार अवश्य पुरानी पेंशन को बहाल करेगी। पेंशन पारिवारिक उपवास इस बात का प्रतीक है कि, बुढ़ापे में nps की वजह से कर्मचारी और उसके परिवार को भूखा रहना पड़ेगा। आने वाले 13 सितम्बर को समस्त कर्मचारी परिवार सहित उपवास रखें और शाम 3 से 6 बजे तक हैशटैग #fast4ops को ट्वीट कर कार्यक्रम को सहयोग प्रदान करें।
बैठक में प्रदेश स्तर पर देवेंद्र बिष्ट, योगिता पन्त, रज्जन कफलटिया, प्रवीण भट्ट, लक्ष्मण रावत, गढ़वाल मण्डल से जयदीप रावत, दिलबर सिंह रावत, नरेश भट्ट, निर्मला थापा, सौरभ नौटियाल, दीपक गोडियाल, प्रदीप जुयाल, मेहरबान सिंह भण्डारी, भावना नेगी, कविता कोटनाला, कुमाऊँ मण्डल से कपिल पांडे, राजीव कुमार, राजेन्द्र शर्मा, सुबोध कांडपाल, रेनु डांगला, दया जोशी, त्रिभुवन बिष्ट, मिलिन्द बिष्ट इत्यादि शामिल रहे। सभी सदस्यों ने कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए हर सम्भव प्रयास करने का भरोसा दिलाया।
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के इस वर्ष के कार्यक्रम जनवरी में पेंशन बहाली संकल्प।बागेश्वर सरयू नदी में प्रतियां बहाई फरवरी में गढ़ पेंशन सम्मेलन। पौड़ी जून में एक दिया ops के नाम। जुलाई में एक पेड़ ops के नाम। अगस्त में nps quit इंडिया। सितम्बर में one demand ops। सितम्बर में एक दिवसीय पारिवारिक उपवास रखा गया।