मुख्यमंत्री से खफा प्रधानों ने किया वर्चुअल क्लास कार्यक्रम का बहिष्कार
रिपोर्ट- गिरीश चंदोला
थराली। पंचायती राज एक्ट लागू करने की मांग को लेकर प्रधान संगठन थराली के अध्यक्ष डॉक्टर जगमोहन सिंह रावत और क्षेत्र की अन्य सभी गांवों के प्रधानों ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा आयोजित वर्चुअल क्लास (ई-संवाद) कार्यक्रम का यह कहकर बहिष्कार कर दिया कि मुख्यमंत्री प्रधानों की उपेक्षा कर रहे हैं। अपनी मांगों को लेकर जब प्रधान मुख्यमंत्री से मिलने उत्तराखंड प्रदेश की राजधानी देहरादून पहुंचे और उन्होंने वहां मुख्यमंत्री से मिलने की पुरजोर कोशिश की तो मुख्यमंत्री से नहीं मिल पाए।
डॉक्टर जगमोहन सिंह रावत ने कहा कि, प्रधान संगठन का शिष्टमंडल पूरे 3 दिन तक देहरादून में डेरा जमाए रहा और मुख्यमंत्री से मिलने की कोशिश करते रहा, लेकिन 3 दिन की कड़ी मेहनत के बाद भी प्रधान संगठन से मिलने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र समय नहीं दे पाए ,तो ऐसे में वह क्यों मुख्यमंत्री के संवाद कार्यक्रम को सुनें। प्रधान संगठन की थराली विकासखंड के अध्यक्ष व प्रमुख समाज सेवी डॉक्टर जगमोहन सिंह रावत ने कहा कि, प्रधान संगठन बहुत ही लंबे समय से मांग कर रहा है कि, मनरेगा कार्यों में नागरिकों को पूरे 300 दिन का रोजगार दिया जाए, तथा प्रत्येक दिन की मजदूरी 250 रखी जाए, प्रधान संगठन प्रधानों की प्रति माह की तनख्वाह 15, 000 हजार और 5 साल के कार्य पूर्ण करने के बाद जब प्रधान पूर्व प्रधान हो जाते हैं तो उन्हें 5,000 प्रति माह की पेंशन दी जाए की भी मांग तथा मनरेगा कार्यो के लिए सोशल ऑडिट गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के माध्यम से नहीं कराने की बात कर रहा है।
लेकिन सरकार है कि, प्रधानों के कार्यों के भौतिक सत्यापन और लोगों में उनकी विश्वसनीयता को लेकर सोशल ऑडिट के लिए बार-बार एनजीओ को तय कर देते हैं। प्रधान संगठन एनजीओ के माध्यम से सोशल ऑडिट और कार्यों के भौतिक सत्यापन किए जाने का लगातार विरोध करता आया है, और करता रहेगा। प्रधान संगठन चाहता है कि, एनजीओ के माध्यम से कार्यों के भौतिक सत्यापन करने तथा सोशल ऑडिट करने के बजाए विकासखंड में तैनात कर्मचारियों के माध्यम से ही यह कार्य भी कराया जाए। ताकि कार्यों की पारदर्शिता बनी रहे और लगातार जो कार्य हो रहे हैं। जो विकास हो रहा है वह सतत रूप से जारी रहे।
प्रधान संगठन प्रदेश के अपने पंचायती राज एक्ट की मांग करता है और प्रदेश में अपने पंचायती राज एक्ट के लागू किए जाने की बात करता है। लेकिन प्रदेश की सरकार और मुख्यमंत्री उनकी बातों को अनदेखा कर रहे हैं। यहां तक कि उनकी मांगों को सुनने के लिए भी तैयार नहीं है और जब प्रधानों का शिष्टमंडल देहरादून में उनसे अपनी बात लेकर जाता है तो मुख्यमंत्री उन्हें मिलने के लिए समय नहीं देते हैं। ऐसे में प्रधानों ने निर्णय लिया है कि, वह मुख्यमंत्री के ई-संवाद कार्यक्रम का एकजुट होकर बहिष्कार करेंगे।
सोमवार को मुख्यमंत्री के ई संवाद कार्यक्रम के लिए प्रधानों ने पूर्व से रणनीति तय कर ली थी, इसलिए प्रधान एकजुट होकर विकासखंड मुख्यालय में एकत्रित हुए लेकिन सभागार जहां पर की विकासखंड के द्वारा ई-संवाद कार्यक्रम को लेकर डिजिटल तैयारियां की गई थी, वहां नही गए। सभी जगह कुर्सियां खाली रही और प्रधानों ने पूर्ण रूप से इसका बहिष्कार कर दिया।