बिग ब्रेकिंग: उत्तराखंड के नर्सिंग कॉलेजों में फैकल्टी की कमी दूर। 7 प्रोफेसर/एसोसिएट प्रोफेसर की तैनाती

उत्तराखंड के नर्सिंग कॉलेजों में फैकल्टी की कमी दूर। 7 प्रोफेसर/एसोसिएट प्रोफेसर की तैनाती

देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने राजकीय नर्सिंग कॉलेजों में फैकल्टी की कमी को दूर करने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए राज्य चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड के माध्यम से चयनित 7 फैकल्टी सदस्यों की विभिन्न कॉलेजों में तैनाती कर दी है।

इनमें एक प्रोफेसर और छह एसोसिएट प्रोफेसर शामिल हैं। तैनाती के बाद नर्सिंग की पढ़ाई कर रहे छात्रों को शिक्षण और प्रशिक्षण संबंधी समस्याओं से राहत मिलने की उम्मीद है।

सरकार का उद्देश्य मेडिकल और नर्सिंग शिक्षा की गुणवत्ता सुधारना है। इसी कड़ी में चिकित्सा शिक्षा विभाग ने चयनित प्रोफेसर एवं एसोसिएट प्रोफेसरों को विभिन्न सरकारी नर्सिंग कॉलेजों में पहली तैनाती दी है।
प्रोफेसर (नर्सिंग) चक्रपाणि चतुर्वेदी को राजकीय नर्सिंग कॉलेज चंपावत भेजा गया है।

वहीं एसोसिएट प्रोफेसर पद पर चयनित

  1. रोजलिन लिली जैन — टिहरी
  2. दीपिका शर्मा — चंपावत
  3. स्वेता — बाजपुर
  4. आशुतोष कुंवर — पिथौरागढ़
  5. मीना — पौड़ी
  6. ज्योति गोदियाल — कोडगी, रुद्रप्रयाग
    में तैनात किए गए हैं।

सरकार का कहना है कि फैकल्टी की तैनाती से कॉलेजों में शिक्षण व्यवस्था मजबूत होगी और छात्रों को किताबों के साथ-साथ व्यवहारिक ज्ञान व प्रशिक्षण भी बेहतर तरीके से मिल सकेगा। इससे नर्सिंग शिक्षा की गुणवत्ता में सीधे सुधार की संभावना है।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य सरकार नर्सिंग कॉलेजों में गुणवत्तापरक शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए संकाय पदों को शत-प्रतिशत भरने के लिए प्रतिबद्ध है।

इसी सिलसिले में वर्तमान दौर में सात फैकल्टी सदस्यों की तैनाती की गई है। इससे पहले जून 2025 में चिकित्सा शिक्षा विभाग ने चयनित 26 नर्सिंग ट्यूटरों को राज्य के आठ राजकीय नर्सिंग कॉलेजों में तैनाती दी थी।

इन ट्यूटरों को अल्मोड़ा, बाजपुर, चमोली, चंपावत, देहरादून, हल्द्वानी, पिथौरागढ़ और टिहरी के नर्सिंग कॉलेजों में नियुक्त किया गया था।

सरकार का दावा है कि, इन तैनातियों से नर्सिंग शिक्षा के स्तर में उल्लेखनीय सुधार होगा और छात्रों को उच्च स्तरीय प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा सकेगा।