एक्सक्लूसिव: पत्नी की फर्म को करोड़ों का ठेका, खुद बनाए होटल के नक्शे। भ्रष्ट इंजीनियर सस्पेंड नहीं, सीधा बर्खास्त

पत्नी की फर्म को करोड़ों का ठेका, खुद बनाए होटल के नक्शे। भ्रष्ट इंजीनियर सस्पेंड नहीं, सीधा बर्खास्त!

देहरादून। उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अब केवल नारे तक सीमित नहीं रही। सरकार ने अब ऐसे अफसरों पर सीधे बर्खास्तगी की तलवार चलानी शुरू कर दी है। ताजा मामला पौड़ी गढ़वाल जिला पंचायत में तैनात कनिष्ठ अभियंता सुदर्शन सिंह रावत का है, जिसे सरकार ने एक गंभीर घोटाले में दोषी पाए जाने पर सीधे बर्खास्त कर दिया है।

क्या है मामला?

सुदर्शन सिंह रावत ने अपनी पत्नी की फर्म “मैसर्स बुटोला इंटरप्राइजेज” को 1.47 करोड़ रुपये का ठेका दिलवाया — और वह भी पूरी प्रक्रिया को दरकिनार करते हुए। फर्म में उनकी पत्नी की 25% हिस्सेदारी थी, लेकिन उन्होंने इसे छुपाया और स्वयं प्रभारी अभियंता बनकर भवनों के नक्शे तक पास किए, जो नियमानुसार उनके अधिकार क्षेत्र में था ही नहीं।

कानून तोड़ा, फायदा पहुंचाया

जांच में सामने आया कि रावत ने जिला पंचायत में अपने पद का दुरुपयोग किया और निजी लाभ के लिए प्रक्रियागत नियमों को खुलेआम रौंदा। सचिव पंचायतीराज चंद्रेश कुमार के अनुसार, यह आचरण सेवा नियमों के स्पष्ट उल्लंघन की श्रेणी में आता है।

उत्तर प्रदेश जिला पंचायत सेवा नियमावली, 1970 की धारा 54 के अनुसार ‘पत्नी’ को परिवार का सदस्य माना जाता है, और ऐसे किसी भी सदस्य को पंचायत से जुड़े किसी कार्य में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से लाभ पहुंचाना पूर्णतया निषिद्ध है।

पहले सस्पेंड, अब बर्खास्त

सुदर्शन सिंह रावत को पहले 21 अक्टूबर 2024 को निलंबित किया गया था। लेकिन अब विभागीय जांच में दोष साबित होने के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है। आदेश में यह भी उल्लेख किया गया है कि रावत की “विभाग के प्रति निष्ठा संदिग्ध पाई गई है” और “जनहित में उन्हें पद पर बनाए रखा जाना अनुचित है।”

यह मामला उत्तराखंड में उन अधिकारियों के लिए सख्त चेतावनी है, जो अपनी कुर्सी का इस्तेमाल निजी हितों के लिए करते हैं। सरकार अब ‘प्रतीक्षा’ नहीं, सीधी कार्रवाई की राह पर है।