बिग ब्रेकिंग: हाईकोर्ट के आदेशों को दरकिनार कर संविदा कर्मचारियों को परमानेंट करने पर अड़ी गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय की कुलपति

हाईकोर्ट के आदेशों को दरकिनार कर संविदा कर्मचारियों को परमानेंट करने पर अड़ी गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय की कुलपति

हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय में सात संविदा कर्मचारियों को परमानेंट करने की जिद पर आमादा वर्तमान कार्यवाहक महिला कुलपति प्रोफेसर हेमलता हाईकोर्ट के आदेशों की भी परवाह नहीं कर रही हैं।

हाईकोर्ट ने साफ तौर पर इन सातों कर्मचारियों की इस याचिका को रद्द कर दिया है जिसमें इन सातों कर्मचारियों ने हाई कोर्ट से अपने को परमानेंट करने के आदेश करने की गुहार की थी।

लेकिन हाईकोर्ट ने इन कर्मचारियों की याचिका खारिज कर दी है और इस तरीके की किसी भी नियुक्ति से इनकार कर दिया है। उसके बावजूद विश्वविद्यालय की कार्यवाहक कुलपति, जिनको बैठक बुलाने का अधिकारी नहीं है।

उन्होंने अपनी हठधर्मिता के चलते कल तीन सदस्यों की बैठक कराई और इस बैठक के तीनो सदस्यों का गठन भी कुलपति महोदय ने ही किया है। लेकिन कल 12 जून को हुई बैठक में कोई निर्णय इन सातों कर्मचारियों की परमानेंट नियुक्ति पर नहीं लिया जा सका है।

अब पुनः एक बार और यह बैठक होगी तभी जाकर निर्णय लिया जा सकेगा की इन सातों कर्मचारियों को परमानेंट किया जा सकता है या नहीं! लेकिन कुलपति महोदया एक तरफ तो मानती है कि मैं कार्यवाहक हूं मुझे बहुत सारी चीजों का पता ही नहीं है।

अभी तो मैं हाईकोर्ट के आदेशों की समीक्षा करवाऊंगी कि उनमें है क्या। अभी तक उन्होंने हाईकोर्ट के आदेशों की समीक्षा ही नहीं कराई है। उससे पूर्वी तीन सदस्य कमेटी बनाकर इन सातों कर्मचारियों को परमानेंट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

पता नहीं इन कुलपति महोदय को यह सलाह कौन लोग दे रहे हैं कि आप हाई कोर्ट के आदेशों के विरुद्ध भी काम कर सकती हैं। जिस सलाह पर ही कुलपति महोदय आगे बढ़ रही है और अपनी नौकरी भी दांव पर लगाकर पता नहीं क्यों इन सातों कर्मचारियों को परमानेंट करने पर तुली हुई है।

जबकि गुरुकुल के अन्य कर्मचारी हाईकोर्ट के खिलाफ कुलपति की हठधर्मी को देख अचम्भे में है। मैडम पहली महिला कुलपति हैं गुरुकुल विश्वविद्यालय की वह भी कार्यवाहक तो कुछ ना कुछ तो इतिहास बनाकर ही जाएंगे।