आढत बाजार में खुलेआम मुनाफाखोरी, चीनी 47 तो आटा 360 का 10 किलो
रिपोर्ट- संजय भट्ट
देहरादून। उत्तराखण्ड में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने गुरुवार को कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए जारी लॉकडाउन के दौरान कालाबाजारी रोकने के कदम उठाने के लिए दुकानों पर रेटलिस्ट लगाने की लिए सभी जिलाधकरियों को आदेश दिए थे। परंतु किसी भी दुकानदार ने रेटलिस्ट नहीं लगाई। हमारे फेक्ट चेक में पता चला कि, देहरादून के हनुमान चौक स्थित हॉलसेल की दुकानों पर कोई रेटलिस्ट नहीं लगाई गई है। किसी भी दुकानदार ने राशन के दाम की लिस्ट नहीं लगाई। और दाम ऐसे की गरीब दम तोड़ दें।
चीनी 47 तो आटा 300 से 360 का 10 किलो
आढत बाजार में एक मेडम दुकानदार चीनी 47 रु किलो तो आटा 360 रु का 10 किलो के बेग बेच रहीं थीं। 1070 रु का 45 किलो आटा बेग 1300 का दिया जा रहा था। दिलबाग गुटका जो 5 रु का बिकता है, उसका पैकेट 150 रु का दिया जा रहा था। यानी हॉलसेल में ही 5 रु का। दूसरी चीजों के दाम में भी कालाबाजारी कर खुल्लमखुल्ला लूट की जा रही है।
दुख की घड़ी में लूट रहे लाला
बता दें कि, बीते शुक्रवार को दोपहर 2 बजे से 4 बजे तक हनुमान चौक स्थित राशन की हॉलसेल दुकान, छोटे दुकानदारों के लिए खोली गई थीं, और जिस समाज पर, मानव जाति पर, कोरोना वायरस का संकट है, लोग आगे बढ़ कर मदद का हाथ बड़ा रहे हैं, ऐसे में ये लाला जनता का खून चूस रहे हैं। इस विपदा की घड़ी में कालाबाजारी से जनता को लूट कर अपने घर भर रहे हैं।
हॉलसेल दुकानदारों के पास पीछे से 5-10 रु भाव बड़ कर आ रहा माल
एक दुकानदार का कहना था कि, पीछे से माल पर इतने दाम नहीं बड़े है। अगर 10 किलो आटा बेग पर 10 रु बड़े हैं तो कुछ लोगों ने 260 वाला आटा बेग 280-300-320-360 तक बेच दिया। जो कि ऐसे संकट के समय में इंसानियत नहीं है। इनके मन में भगवान का भी डर नहीं। वैसे वहाँ पुलिस मौजूद थी लेकिन रेटलिस्ट की बात पर पुलिस भी अनभिज्ञ बनती नजर आई। साफ है कि, कुछ लोगों को लूट की छूट दी गई है और शासन-प्रशासन ने आंखें मूंद ली हैं।