उत्तराखंड में वोटिंग के फाइनल आंकड़ें जारी। देखें….
उत्तराखंड। अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे ने बताया, 19 अप्रैल तक प्राप्त जानकारी के हिसाब से राज्य में 56.89 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था।
लेकिन यह आंकड़ा परिवर्तनीय था, क्योंकि राज्य में कई पोलिंग पार्टियों को लौटने में भी तीन दिन तक का समय लगता है। उनके आने के बाद सभी आंकड़ों का वेरिफिकेशन किया गया। इसके बाद स्थिति स्पष्ट हुई है।
उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव का मतदान प्रतिशत करीब डेढ़ फीसदी बढ़ गया है। चुनाव आयोग ने इसके ताजा आंकड़े जारी किए हैं। पोलिंग पार्टियों के लौटने और आंकड़ों का मिलान करने के बाद यह जानकारी जारी की गई है।
राज्य में 57.24 प्रतिशत मतदान हुआ है। उन्होंने बताया, अभी सर्विस मतदाता, मतदान कर्मचारियों के मत, दिव्यांग व 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं के वोट इसमें शामिल नहीं हैं।
मतगणना की सुबह आठ बजे तक डाक मतपत्र वापस आने के बाद स्थिति और साफ हो पाएगी। मतदान का यह आंकड़ा 58 प्रतिशत पार कर सकता है।
सबसे अधिक मतदाताओं वाली हरिद्वार लोकसभा सीट इस बार मतदान में भी अव्वल साबित हुई है। इस लोकसभा में सर्वाधिक 63.53 प्रतिशत मतदान हुआ है। वहीं, नैनीताल-ऊधमसिंह नगर लोकसभा सीट पर 62.47 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया है।
पर्वतीय सीटों में टिहरी पर सर्वाधिक 53.76 प्रतिशत, गढ़वाल में 52.42 प्रतिशत और अल्मोड़ा में सबसे कम 48.82 प्रतिशत मतदान रिकॉर्ड किया गया है।
उत्तराखंड में इस बार लोकसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत कम रहा है उत्तराखंड में इस बार 57.25 फीसदी ही मतदान हुआ जिसके पीछे क्या कारण रहा इसको लेकर अब चुनाव आयोग आंकलन करने में जुटा है।
उत्तराखंड के मुख्य चुनाव आयुक्त वी वीआरसी पुरुषोत्तम का कहना है कि इस बार लगभग 2019 के मुकाबले तीन फ़ीसदी मतदान कम हुआ है।
जिसका कारण इस बार चुनाव के दिन गर्मी ज्यादा थी इसलिए वोटर कम ही घर से बाहर निकले। साथ ही करीब 130 गांव में चुनाव का बहिष्कार भी लोगों ने किया।
जिसमें चुनाव आयोग में उन गांव के लोगों को काफी समझाने की कोशिश की लेकिन उसके बावजूद भी कई गांव ऐसे हैं, जो चुनाव में शामिल नहीं हुए। जिसके कारण मतदान प्रतिशत में कमी आई।