रेत की जगह मिट्टी से की जा रही निर्माण कार्य में लीपापोती
रुद्रप्रयाग। काम की गुणवत्ता हो न हो हमे तो जल्दी काम पूरा कर अपना पैसा लेकर रफूचक्कर होना है। चाहे पैसा लेने के बाद वह दूसरे दिन खण्डित हो जाय हमारी बला से। कुछ ऐसा ही जिले में हो रहे मोटर निर्माण कार्य मे देखने को मिल रहा है। निर्माण कार्य में रैत की जगह धड़ल्ले से मिट्टी का प्रयोग किया जा रहा है।
बता दे कि, पीएमजीएसवाई की रुद्रप्रयाग, गढ़ीधार, उडामांडा मोटर मार्ग का है। जहां इन दिनो गढ़ीधार से आगे सड़क निर्माण के फैस 2 का कार्य किया जा रहा है। कार्यदायी संस्था नेशनल प्रोजेक्ट आफ कंस्ट्रक्शन कारपोरेशन (NPCC) द्वारा स्कबर, पैराफिट व दीवार निर्माण के कार्य की गुणवत्ता को लेकर स्थानीय जनता व जनप्रतिनिधियों द्वारा कई बार आवाज ऊठायी गयी। लेकिन कार्यदायी संस्था द्वारा जनता की आवाज को अनसुना किया जा रहा है।
आलम यह है कि, धड़ल्ले से रैत की जगह मिट्टी का प्रयोग निर्माण कार्यों में किया जा रहा है। जिस पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने कड़ी आपत्ति जताई है। स्थानीय लोगो का कहना है कि, कार्य की गुणवत्ता इतनी घटिया है कि, ग्राम ढुंग के पास कार्यदायी संस्था द्वारा बनाया गया पुस्ता दो दिन में ही भरभरा कर गिर गया। जिस के कारण गांव जाने का संम्पर्क मार्ग भी छतिग्रस्त हो गया है।
जगी काडंई के प्रधान देवेन्द्र जग्गी, स्थानीय निवासी राजेन्द्र सिंह आदि का कहना है कि, कार्यदायी संस्था द्वारा मानकों को ताक पर रख घटिया निर्माण किया जा रहा है व लगातार जनता की आवाज को अनसुना किया जा रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि, कार्यदायी संस्था द्वारा मिट्टी से प्लम भरे जा रहे है, व बाहर से रेत से लीपापोती की जा रही है।जिसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।
वहीं NPCC के सहायक अभियंता रुपेश सकलानी से इस संदर्भ में सम्पर्क किया गया तो उनका कहना है कि, कार्य पूर्णतः मानकों के आधार पर किया जा रहा है। मानकों के अधीन प्लम व पैराफिट निर्माण में स्क्रीन मैटैरियल का प्रयोग किया जा सकता है।