गायक रविन सिंह का नया गीत “रेणु मौज मारे” बहुत जल्द होगा लोगों के बीच
– विदेशो में कार्यरत शेफों से प्रेरित होकर बनाया गीत
– प्रेसवार्ता कर दी पूरी जानकारी
– म्यूजिक इंडस्ट्री में बनाई खुद के गानों से पहचान
देहरादून। बॉलीवुड सिंगर रविन सिहं ने पत्रकार वार्ता का आयोजन किया। जहां वार्ता के दौरान उन्होंने अपने गढ़वाली गाने के बारे में बताया। बता दें कि, आज दिनांक- 31/12/19 दिन मंगलवार को देहरादून स्तिथ उत्तराँचल प्रेस क्लब में पत्रकार वार्ता में सिंगर रविन सिह ने अपने गाने को लेकर कहा कि, यह गाना विदेशो में कार्यरत शेफ भाइयो से प्रेरित होकर बनाया है। इससे पहले सिंगर रवीन सिह बॉलीवुड से लेकर अनेक गढवाली गानो को जनता के बीच ला चुके हैं।
बताते चलें कि, रवीन सिहं ने अपने कैरियर की शुरुआत देहरादून मसूरी के केंद्रीय विद्यालय से की और अभी वर्तमान में वह इंटरनेशनल ब्रिटिश स्कूल में फाइन आर्ट्स में कार्यरत हैं। इसके साथ ही रवीन यूएई, ओमान, सिंगापुर, मलेशिया जैसे कई देशों में अपनी प्रस्तुति दी चुके हैं। रवीन ने अपने कैरियर में संगीत की शुरुआत प्राचीन कला केंद्र चंडीगढ़, प्रयाग संगीत समिति तथा वेस्टन म्यूजिक की शिक्षा प्राचीन कला केंद्र चंडीगढ़ से ली। नब्बे के दशक में उन्होंने सुप्रसिद्ध कलाकार सुनिधि चौहान, अनुराधा पौडवाल, सोनू निगम, अनूप जलोटा, सलिल चौधरी के साथ भी काम कर चुके हैं।
यह भी बता दें कि, रविन ने इससे पहले बॉलीवुड फीचर फिल्म के दो ट्रकों में अपना योगदान दे चुके हैं। साथ ही प्रसिद्ध गायक दिलेर मेहंदी के साथ भी काम कर चुके हैं।रवीन ने गजल माइस्ट्रो जसविंदर के साथ अश्क गजल भी कम्पोज की। जो कि, गूगल में Apple i tunes gana.com, my swar.Com, amazon, savan.com इत्यादि में उपलब्ध है। इनकी पहली एलबम जज्बात भी कई बार अनेक चेनलो पर दिखायी जा चुकी है। इसके अलावा Rise The Bar, My Home My Country, Rhytm Of My Heart, English song भी कम्पोज किये हैं।
इससे पहले भी उनका सनका बंदया लोगो ने बहुत पसंद किया। अब रविन सिह रेणु मौज मारे गाने को लेकर उत्तराखंड के लोगो के सामने आ रहे हैं। रविन सिंह बॉलीवुड की Music, Composers Association Of India के 500 सक्रिय सदस्यों में से एक है। इस गीत के गायक और म्यूजिक रविन सिहं के साथ ही लेखक बलवंत सिहं बिष्ट, म्यूजिक अरेंजर संजय कुमोला, कलाकार दीपू जुयाल, प्रीति लिंगवाल आदि मौजूद रहे। यह गीत युवा पीढ़ी से जुड़ा हुआ है। इसके लेखक ने आज के जीवन में मौज मस्ती करने की सलाह दी है, और कल के लिए विधता ने पता नही क्या लिखा है। उसके साथ-साथ अपनी संस्कृति और त्योहारों को भी मस्ती से मनाना चाहिये।