सीएमओ कार्यालय की लाचार व्यवस्था, नीम हकीमों की बाढ़

सीएमओ कार्यालय की लाचार व्यवस्था, नीम हकीमों की बाढ़

 

– गरीब मरीजों की जेब में डाका डाल, भर रहे तिजोरी
– ना बोर्ड ना डिग्री अंदर कमरे में संचालित हो रही नर्सिंग होम
– मामला मूरतगंज व चरवा इलाके का

चरवा, कौशाम्बी। सीएमओ कार्यालय की लाचार व्यवस्था का ही परिणाम है, जो गरीब मरीज की जेब में नीम हकीम डाका डालने से बाज नहीं आ रहे हैं। जिले के ज्यादातर कस्बों में नीम-हकीमो की बाढ़ सी आ गई है। दबी जुबान से यह नीम हकीम यह भी कहने से बाज नहीं आते की उनके सिर पर विभाग के आला अधिकारी के कार्यालय के जिम्मेदारों का हाथ है। उन्हीं के संरक्षण पर उनकी नर्सिंग होम संचालित हो रही है।

 

जिक्र करें तो मूरतगंज के भारतीय स्टेट बैंक के सामने व जीवनगंज 10 नम्बर गेट के पास ऐसी अस्पताल संचालित हो रही हैं, जिनके पास ना तो डिग्री है ना तो बोर्ड है। अंदर कुछ कमरे हैं, जहां पर सिर्फ बेड है, डॉक्टर साहब सिर्फ मरीजों से धन उगाही करते हैं। जुखाम-बुखार से लेकर बड़े से बड़े ऑपरेशन करने का दावा ठोंकते हैं, मरीज ठीक हुआ तो बल्ले-बल्ले नहीं ठीक हुआ तो अपने सेटिंग की बड़ी नर्सिंग होम का पता बताकर वहां भी अपने कमीशन लेने से बाज नहीं आते हैं। यह खेल जिले में बहुत तेजी से चल रहा है और जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी साहब का ध्यान इस ओर क्यों नहीं जा रहा है, यह बात बुद्धिजीवियों के गले से नहीं उतर रही है।

 

सूत्रों की बातों पर यदि यकीन करें तो कहा जा रहा है कि, सीएमओ कार्यालय के कुछ जिम्मेदारों से इनकी अपनी सेटिंग होती है। जिसके चलते इनके खिलाफ कार्यवाही नहीं होती। हालांकि इलाके के लोगों ने इस ओर जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा व मुख्य चिकित्सा अधिकारी पीएन चतुर्वेदी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए ऐसे अस्पताल संचालकों के खिलाफ जांच करा कर कार्यवाही कराए जाने की मांग की है। ताकि गरीब मरीज के जेब में डाका ना पड़ सके।