हर की पौड़ी को किया जाएगा अतिक्रमण मुक्त। क्या जामनी मार्केट पर होगी कार्रवाई, व्यापारियों में आक्रोश
रिपोर्ट- वंदना गुप्ता
हाईकोर्ट के आदेश के बाद हरिद्वार जिला प्रशासन द्वारा बड़े स्तर पर अतिक्रमण मुक्त अभियान चलाया जा रहा है। धर्मनगरी हरिद्वार में लाखों की संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु हरिद्वार आते हैं, मगर हर की पौड़ी के पास स्थित जामनी मार्केट में व्यापारियों द्वारा अतिक्रमण किया गया है।
जिस कारण हर की पौड़ी पर यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। साथ ही राज्य सरकार अब हरकी पौड़ी को कॉरिडोर बनाने की रूपरेखा भी तैयार कर रही है। इसको देखते हुए आज सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय में व्यापारियों के साथ बैठक की गई और सख्त दिशा निर्देश दिए गए।
मुख्य नगर आयुक्त दयानंद सरस्वती का कहना है कि, हर की पौड़ी पर स्थित जामनी मार्केट 1986 में स्थापित की गई थी। कई व्यापारियों को यहां पर दुकानें आवंटित की गई थी। हमारे संज्ञान में आया था कि, वहां पर व्यापारियों द्वारा अतिक्रमण किया गया है।
जिलाधिकारी के निर्देश पर व्यापारियों को नोटिस दिए गए हैं। आज इसी को लेकर व्यापारियों के साथ बैठक की गई है। हमारे द्वारा व्यापारियों को तीन दिन का समय दिया गया है। सभी व्यापारी अपने कागज जमा कराएं।
2021 में जामनी मार्केट को लेकर नगर निगम बोर्ड में निर्णय लिया गया था, उसको भी हमारे द्वारा चेक किया जा रहा है। जिलाधिकारी द्वारा जो भी निर्देश दिया जाएगा उस पर कार्रवाई होगी।
व्यापारियों के साथ बैठक में पहुंचे स्थानीय पूर्व पार्षद कन्हैया खेवड़िया का कहना है कि, अतिक्रमण को लेकर बैठक की गई थी और उसमें जामनी मार्केट में व्यापारियों द्वारा अतिक्रमण करना बताया गया था।
मगन पूर्व में हुई नगर निगम बोर्ड बैठक में इसको लेकर प्रस्ताव पास किया गया था कि, दुकानदारों के आगे जो जमीन है उसे सर्किल रेट के हिसाब से दुकानदारों को दी जाए।
क्योंकि 1986 में हर की पौड़ी के चौड़ीकरण के वक्त जिनकी वहां अपनी दुकानें थी, उनको नगर निगम द्वारा किराए पर जामनी मार्केट में दुकानें दी गई थी।
राज्य सरकार द्वारा हर की पौड़ी को कॉरिडोर बनाने की रूपरेखा तैयार की जा रही है। इसमें जामनी मर्केट को हटाना होगा, तभी कॉरिडोर बन सकेगा। मगर इस वजह से कई व्यापारी सड़क पर आ जायेगे।
क्योंकि 1986 में हर की पौड़ी के सौंदर्यीकरण में वहां स्थापित व्यापारियों की दुकानें टूटी थी और उनको जामनी मार्केट में नगर निगम द्वारा दुकानें आवंटित की गई थी।
अब एक बार फिर इन व्यापारियों पर संकट मंडराने लगा है। देखना होगा जिला प्रशासन इस मामले पर क्या कार्रवाई करता है।