भालू की पित्तीयों की तस्करी में दो आरोपी गिरफ्तार। तीन साल की सजा, लगाया अर्थदंड
रिपोर्ट- गिरीश चंदोला
चमोली। वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 51 के तहत भालू की पित्तीयों की तस्करी के आरोपी दो लोगों को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी थराली की अदालत ने 3-3 साल की सजा एवं 10-10 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
2018 में पूर्व पिंडर रेंज देवाल ने शाहरूख खान पुत्र मतलूब अहमद एवं दिलशाद पुत्र मो सादविक को भालू की 5 पित्तीयों के पीस के साथ गिरफ्तार किया था। जिस पर वन विभाग ने सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर मामला न्यायालय के विचाराधीन भेजा गया था।
मध्य पिंडर रेंज थराली के रेंजर हरीश थपलियाल एवं वन दरोगा खीमानंद खंडूड़ी ने बताया कि, शनिवार को मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी थराली के न्यायालय ने दोनों ही अभियुक्तों को मामले में दोषी पाते हुए 3-3 साल की जेल की सजा के साथ ही 10-10 हजार रुपए अर्थदंड का भुगतान करने, अर्थदंड का भुगतान ना करने की दशा में 3-3 माह की आंतरिक सजा काटने का फैसला सुनाया है।
इस मामले की पैरवी वन विभाग की ओर से नामित अधिवक्ता रमेश चंद्र कुनियाल ने की।