गजब: ऊखीमठ ब्लॉक में भाजपा व कांग्रेस को पछाड़ 22 वर्षीय युवक बना प्रधान

ऊखीमठ ब्लॉक में भाजपा व कांग्रेस को पछाड़ 22 वर्षीय युवक बना प्रधान

 

– जनता ने भाजपा-कांग्रेस को नकारा, निर्दलीय को स्वीकारा….

रिपोर्ट- शम्भू प्रसाद….
ऊखीमठ। रुद्रप्रयाग जिले का एक क्षेत्र है कालीमठ। जहाँ देश-विदेश के श्रद्धालु माँ के दर्शनों के लिए आते है। वहीं कालीमठ क्षेत्र में एक ऐसा भी गाँव है जिसका नाम जग्गी बागवान है। जहाँ के नवनिर्वाचित प्रधान ऊखीमठ ब्लॉक के सबसे कम उम्र के बने है। बता दे कि, प्रदीप राणा वो शख्स है, जिन्हें इस बार त्रिस्तरिय पंचायत चुनाव में जनता के सहयोग से प्रधान पद दिया गया। प्रदीप राणा की राजनीतिक पृष्ठभूमि नही है। लेकिन पढ़ाई में हमेशा अव्वल रहने और उसकी नेतृत्व क्षमता को देखते हुए ग्रामीणों द्वारा प्रदीप को चुनावी मैदान में उतारा गया और वह प्रधान भी बन गए।

 

नेतृत्व और पढ़ाई में भी अव्वल

प्रदीप राणा आर्ट साइड से एक स्नातक के छात्र रहे है। प्रदीप राणा कॉलेज में भी राजनीतिक में रुचि लेते थे, लेकिन कभी खुल कर सामने नही आए,साथ ही सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में भी प्रदीप ने काम किया है। प्रदीप नेतृत्व में माहिर और पढ़ाई में हमेशा से ही होशियार रहे है। स्नातक के दौरान उन्होंने छात्रसंघ चुनाव में भी रुची बताई है। प्रदीप ने बताया कि, उन्हें पहले से ही नेतृत्व करने का शौक रहा है, और जब उनके गाँव के लोगो ने उन पर विश्वास जताया है, तो अब पूरी क्षमता और मेहनत से कार्य करने की कोशिश करूंगा।

 

सबसे कम उम्र के प्रधान 22 वर्षीय

प्रदीप राणा एक ऐसा शख्स प्रधान बना हैं। जिसके परिवार का आज तक राजनीति से कोई लेना-देना नहीं रहा। कालीमठ क्षेत्र के जग्गी बागवान में रहने वाले 22 वर्षीय प्रदीप निर्दलीय चुनाव लड़े थे, जिसका साथ देते हुए जनता ने एक नई सोच और नए विचारों के साथ चलने वाले प्रदीप को ग्राम प्रधान बनाया। प्रदीप के पिता ज्ञान सिंह एक गरीब किसान हैं। और उनकी माँ उनका हाथ बंटाती है।

 

गांव को बनाएंगे स्वच्छ एवं मॉडल

प्रदीप ने ब्राइट पोस्ट के संवाददाता से बातचीत में बताया कि, उसकी पहली प्राथमिकता गांवों को स्वच्छ बनाने की रहेगी। गरीब परिवार की बेटियों की शिक्षा के लिए विशेष प्रयास करूँगा। साथ ही अपने गाँव को राज्य ही नही बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी स्वच्छ्ता के क्षेत्र में आगे ले जाने के लिए प्रयास करूँगा। उसके गांव में अभी मुलभूत सुविधाएं नहीं हैं। बेटियों को पढ़ाने को लेकर जागरूकता भी नहीं है। इसलिए वह अपने गांव को मॉडल गांव के रूप में डवलप करेंगे। यहां सभी तरह की मुलभूत सुविधाएं डवलप करने के साथ-साथ गांव के बच्चों को पढ़ाने और उन्हें ऊंचे मुकाम तक पहुंचाने के लिए प्रयास किया जाएगा। बाकी ग्राम पंचायतों में भी इसी तर्ज पर विकास किया जाएगा। पिछड़े समाज को आगे लाने के लिए भी विशेष प्रयास किये जायेंगे।