बालिका का हाथ टूटने पर चिकित्सकों ने लगया गत्ते का प्लास्टर।
रिपोर्ट- इंद्रजीत असवाल
दृश्य जनपद पौड़ी के रिखणीखाल चिकित्सा केन्द्र का है, जहां चिकित्सकों ने बालिका का हाथ टूटने पर उसे गत्ते का प्लास्टर पहनाकर घर भेज दिया। चिकित्सकों की दलील थी कि, हमारे पास एक्सरे मशीन चलाने के लिए कर्मचारी नही हैं और ऑर्थोपेडिक चिकित्सक नही हैं। इसलिए आप को इस जुगाड़ में रहना होगा।
यह क्षेत्र ताजा-ताजा कल शाम विश्व गुरु बन गया हैं। मुझे विश्व गुरु बनने में अभी समय लगेगा। क्योंकि, मैं सेक्युलर, वामपंथी, देशद्रोही, राजद्रोही हूँ। देशभक्त कल शाम तक विश्वगुरु बन गए हैं।
CHC रिखणीखाल सदैव सुर्खियों में रहा है। क्यों कि, इस क्षेत्र में कुछ स्वतंत्र पत्रकार अपना काम मुस्तेदी से कर रहे हैं। यही हाल कमोबेश उत्तराखंड के सभी PHC व CHC का है, पर उजागर नही होता।
रिखणीखाल हॉस्पिटल में एक्सरे मशीन आये 1 वर्ष हो गए जिसका प्रचार 2 वर्ष से हो रहा हैं। पेटी में बंद मशीनों के फोटो आप ने अनेकों बार छुट भुला व ठुल भैजी के साथ सोशल मीडिया पर देखी होंगी, पर मशीनों का इस्तेमाल करता कोई कर्मचारी नहीं देखा होगा।
हम ने उस वक्त भी कहा, आज भी कह रहे है, एक्सरे मशीन चलाने के लिए तकनीकी कर्मचारी चाहिए और एक्सरे देखने के लिए ऑर्थोपेडिक चिकित्सक की आवश्यकता हैं।
मशीनों को उच्च दामों पर खरीद कमीशन के पैसे डकारने की होड़ मची थी। लाखों का सामान करोड़ो में खरीदा गया। अब मशीन धूल खा रही हैं और मरीज मर रहे हैं। यह कोई अफसोस की बात नही हैं, अब जनता को आदत पड़ गई हैं और कर्मचारियों, जनप्रतिनिधियों को इस आदत की लत लग गई हैं, लत हमेशा बुरी होती हैं।