किच्छा में दर्जनों फर्जी नर्सिंग होम सक्रिय। खतरे में जच्चा-बच्चा की जान
रिपोर्ट- दिलीप अरोरा
किच्छा। देश और राज्य में कानूनों को इसलिए बनाया जाता है ताकि अपराध पर नियंत्रण लगाया जा सके। साथ ही आम जनता के अधिकारों की रक्षा हो सके और नियमों का उलंघन या अपराध करने वालो पर ठोस कार्यवाही हो सके।
लेकिन किच्छा में इस धारणा के विरुद्ध कार्य हो रहा है, यहाँ पिछले कई वर्षो से गली मोहल्लो मे बिना रजिस्ट्रेशन के बच्चा डिलीवरी सेंटर चल रहे है। यह क़ानून का तो मजाक बना रहे है, साथ ही महिलाओ और लड़कियों की जिंदगी को भी खतरे मे डाल रहे है।
लगभग दस वर्षो से खुलेआम कर रहे है डिलीवरी
किच्छा विधान सभा में पिछले करीब दस वर्षो से गली-मोहल्ले में करीब आधा दर्जन से ज्यादा अवैध नर्सिंग होम या यूँ कहे डिलीवरी सेंटर या आप इनको एबोशन केंद्र भी कह सकते है, यह संचालित है और हैरानी इस बात की है कि, यह बिना डर के इन सेंटरो को चला रहे है और लोगों को जान को खतरे में डाल रहे है। आज तक इन पर कार्यवाही नहीं की।
एक हजार से ज्यादा की डिलीवरी और डिग्री का पता नहीं
किच्छा में जिन जगहों पर यह सेंटर चल रहे है वहाँ बैठने वाले खुद को डॉ कहलवाते है और खुद को बेस्ट डिलीवरी करने वाला और सफाई करने वाला बताते है। यही नहीं इन सेंटरो पर दवाई देने की भी व्यवस्था है। आखिर बिना डिग्री के यह कैसे दवाइयां लिख रहे है और दें रहे है और हजारों डिलीवरी के खेल को अंजाम दें चुके है।
क्या कोई सेटिंग से चल रहे है
हर बार ज़ब कोई खुलासा होता है तब अक्सर चर्चाओ मे रहता है कि, फलाने ने सेंटिंग कर रखी थी तभी कार्यवाही नहीं हो रही थी। या ऐसे भी सुनने को मिलता है कि, यह लोग ऊपर तक पैसा पंहुचा रहे है। इसलिए इनका कुछ नहीं होता।
फिलहाल ऐसी चर्चाये है, जो सुनने को मिलता है अब यह किच्छा में कितना सही है पता नहीं! लेकिन वर्तमान मे यहाँ इतनी बड़ी संख्या मे डिलीवरी सेंटर का होना एक बड़ा अपराध है और यह अपराध दस वर्षो से जारी है।
तमाम कमियों के बावजूद चल रहे है सेंटर
इन सेंटर मे दर्जनों कमियाँ है और इन पर बावजूद इसके कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। इनकी अनुमति के लिए जो जरुरी दस्तावेज होते है उनमें कुछ एक को छोड़कर बाकि कुछ नहीं मिलेगा इनके पास।
खतरे में जच्चा-बच्चा की जान
बिना अनुभव और बिना डिग्री के जिस तरह यहाँ डिलीवरी हो रही है यह कही न कही लोगो की जान को भी खतरे में डालने जैसा है। इनके कम अनुभव या अयोग्य होना माँ और बच्चे दोनों के लिए ही खतरनाक है। इस पर जल्द एक्शन होना चाहिए।
गर्भवती महिलाएं स्पेशलीष्ट से ही ले परामर्श
किच्छा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक डॉ त्रिपाठी से इस मुद्दे पर कहा की गर्भवती महिलाये जहाँ-तहां खुद का न दिखवायें वह सरकारी अस्पताल या किसी स्पेशलीष्ट को ही दिखाएं और जो यह गली मोहल्ले मे डिलीवरी सेंटर खुले है, यह गलत है।
डॉ त्रिपाठी ने जनता से अपील कि और कहा कि, वह ऐसे फर्जी नर्सिंग होम में न जो गलत तरीके से चल रहे है, वह लोग सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर ही आये। ताकि उनको सरकारी सुविधा भी मिल सके और सही परामर्श भी।