राजभवन के निर्देश। कर्मकार कल्याण बोर्ड महाघोटाले की अब होगी जांच
– सीबीआई जांच कराने को मोर्चा ने किया था आग्रह
– 80-90 करोड़ की खरीद के विभाग के पास नहीं है ई-वे बिल
– घटिया सामान की खरीद-फरोख्त, धन की बंदरबांट एवं अन्य अनियमितताओं का भी है मामला
विकासनगर। श्रम मंत्री हरक सिंह रावत, कर्मकार कल्याण बोर्ड की सचिव दमयंती रावत एवं इस लूट में शामिल भ्रष्ट अधिकारियों की जुगलबंदी/गिरोहबंदी ने श्रमिकों के नाम पर 80-90 करोड़ रुपए की निम्नतम गुणवत्ता के सामान की खरीद की थी, जिसके ई-वे बिल व किस वाहन से सामान पहुंचा, उसके कोई दस्तावेज विभाग के पास नहीं हैं।
शनिवार को जनसंघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने एक वार्ता के दौरान बताया कि, अन्य और भी कई घोटालों को लेकर मोर्चा द्वारा सबसे पहले इस जुगलबंदी एवं महाघोटाले का पर्दाफाश किया गया था। इसके अतिरिक्त करोड़ों रुपए की बंदरबांट का भी मामला था।
मोर्चा ने गत माह महा. राज्यपाल को पत्र प्रेषित कर करोड़ों रुपए की खरीद एवं उसके वितरण एवं अन्य घोटाले की सीबीआई जांच की मांग की थी, जिस पर संज्ञान लेते हुए राजभवन ने सचिव, श्रम को कार्रवाई के निर्देश दिए।
नेगी ने कहा कि, श्रमिकों को विभाग द्वारा घटिया किस्म की साइकिले, सोलर लालटेन, टूल किट्स, वेल्डिंग मशीन, सिलाई मशीन, छाते, खाद्यान्न किट्स आदि बांटे गए, जिसकी गुणवत्ता इतनी खराब थी कि, श्रमिकों ने ओने-पौने दामों में बाजार में कबाड़ के भाव उक्त सामान को नीलाम कर दिया था।
इसके अतिरिक्त कर्मकार बोर्ड द्वारा न जाने कितने ही घोटालों को अंजाम दिया गया, जोकि सीधे-सीधे श्रमिकों के हक पर डाका है। मोर्चा ने उम्मीद जताई कि, इस लूट में शामिल गिरोहबंदी का पर्दाफाश होगा।