IBPS की परीक्षा देने पहुंचा ‘मुन्ना भाई’ गिरफ्तार, 12 लोगों को दिला चुका है सरकारी नौकरी
देहरादून। कोतवाली पटेल नगर पुलिस ने पटेल नगर स्थित एक परीक्षा केंद्र पर आईबीपीएस की परीक्षा के दौरान फर्जी अभ्यर्थी को गिरफ्तार कर एक बड़े परीक्षा माफिया का पर्दाफाश किया है।
आरोपी अब तक 12 अभ्यर्थियों को फर्जीवाड़े के जरिए सरकारी नौकरी दिला चुका है। पुलिस ने आरोपी को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है।
शक होने पर पकड़ा गया आरोपी
रविवार को पटेल नगर स्थित आई क्रिएट सॉल्यूशन परीक्षा केंद्र में आईबीपीएस आरआरबी ऑफिसर स्केल-3 की परीक्षा चल रही थी। इसी दौरान आईबीपीएस की डिवीजन हेड सोम बाला ने परीक्षा केंद्र को इनपुट दिया कि बिजनौर निवासी एक अभ्यर्थी का बायोमेट्रिक और फोटो संदिग्ध प्रतीत हो रहा है।
जांच में सामने आया कि आरोपी एडमिट कार्ड पर फोटो बदलकर लगातार परीक्षाएं दे रहा था। परीक्षा समाप्त होने के बाद केंद्रीय व्यवस्थापक सूरज पाल सिंह रावत ने आरोपी को पकड़कर पटेल नगर पुलिस के हवाले कर दिया।
पूछताछ में कबूला अपराध
पुलिस पूछताछ में आरोपी ऋषि कुमार (37 वर्ष) ने स्वीकार किया कि वह पैसे लेकर दूसरों की जगह परीक्षा देता था। उसने यह भी कबूल किया कि राजस्थान और बिजनौर के जिन अभ्यर्थियों के लिए उसने परीक्षा दी, वे वर्तमान में सरकारी नौकरी कर रहे हैं। इसके बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तारी की।
शिक्षित लेकिन शातिर आरोपी
आरोपी ऋषि कुमार ने दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से बीटेक, सिंबायोसिस पुणे से एमबीए किया है।
वह वर्ष 2016 से 2021 तक नेशनल इंश्योरेंस कंपनी में अधिकारी पद पर 80 हजार रुपये मासिक वेतन पर कार्यरत रहा।
पुलिस के अनुसार, कम समय में करोड़पति बनने की चाह में उसने अच्छी नौकरी छोड़कर परीक्षा घपलों का रास्ता चुना। आरोपी फोटो मिक्सिंग तकनीक के जरिए एडमिट कार्ड से छेड़छाड़ कर सिस्टम को बार-बार चकमा देता था।
पुराना आपराधिक इतिहास भी सामने आया
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी का पुराना आपराधिक रिकॉर्ड भी है। वर्ष 2022 में वह राजस्थान में एसएससी परीक्षा में नकल के आरोप में जेल जा चुका है। पुलिस अब आरोपी को रिमांड पर लेकर यह पता लगाने में जुटी है कि इस सिंडिकेट में और कौन-कौन शामिल हैं।
5 से 6 लाख में सॉल्व करता था पेपर
पूछताछ में सामने आया कि आरोपी प्रवेश पत्र में अपनी फोटो लगाता था, बायोमेट्रिक भी खुद का देता था, चयन होने पर असल अभ्यर्थी को जॉइनिंग के लिए भेज देता था।
अब तक की जांच में पता चला है कि वह एक परीक्षा के बदले 5 से 6 लाख रुपये वसूलता था। बैंकिंग सेक्टर के साथ-साथ स्टाफ सिलेक्शन कमिशन (SSC) की परीक्षाओं में भी वह कई युवकों को नौकरी लगवा चुका है।
पुलिस का बयान
चंद्रभान अधिकारी, प्रभारी निरीक्षक, कोतवाली पटेल नगर ने बताया कि मामले की गहन जांच जारी है और परीक्षा माफिया से जुड़े अन्य बड़े नामों की तलाश की जा रही है। जल्द ही इस गिरोह पर और भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
यह मामला देश की प्रतियोगी परीक्षाओं की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े करता है। देहरादून पुलिस की तत्परता से एक शातिर ठग तो सलाखों के पीछे पहुंचा है, लेकिन जांच के बाद और बड़े खुलासों की उम्मीद जताई जा रही है।

