बड़ी खबर: ATS कॉलोनी में मारपीट और गालीगलौज मामले में बिल्डर पुनीत अग्रवाल पर मुकदमा दर्ज

ATS कॉलोनी में मारपीट और गालीगलौज मामले में बिल्डर पुनीत अग्रवाल पर मुकदमा दर्ज

रिपोर्ट- अमित भट्ट
देहरादून के सहस्रधारा रोड स्थित पॉश एटीएस कॉलोनी में आवासीय समिति के अध्यक्ष अजय सिंह के साथ अभद्रता और मारपीट के मामले में पुलिस ने आखिरकार बिल्डर पुनीत अग्रवाल पर शिकंजा कस दिया है।

देखें वीडियो:-

अध्यक्ष, कॉलोनी निवासियों की शिकायत और सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए रायपुर थाना पुलिस ने बिल्डर पुनीत अग्रवाल और उनके एक साथी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया है।

आरोप है कि शुक्रवार देर रात बिल्डर पुनीत अग्रवाल ने एटीएस कॉलोनी के अध्यक्ष अजय सिंह का रास्ता रोककर न केवल उनके साथ मारपीट की, बल्कि बेहद अशोभनीय और अभद्र भाषा का भी प्रयोग किया।

इस दौरान पूरी घटना का वीडियो भी रिकॉर्ड हुआ, जो अब सोशल और डिजिटल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।

पीड़ित पक्ष का आरोप है कि घटना के समय जब स्थानीय निवासियों ने पुलिस हेल्पलाइन नंबर 112 पर कॉल किया, तो मौके पर पहुंची पुलिस ने पीड़ितों का साथ देने के बजाय उल्टा अध्यक्ष और उनके परिवार को ही धमकाना शुरू कर दिया। इस घटना में अजय सिंह की कार को ईंट मारकर क्षतिग्रस्त किया गया, वहीं बीच-बचाव करने आए अन्य लोगों के साथ भी अभद्रता की गई।

घटना के बाद पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठे और इसे ‘मित्र पुलिस’ की अवधारणा के विपरीत बताया गया। वीडियो वायरल होने के बाद एटीएस कॉलोनी के निवासियों ने शनिवार को पुलिस मुख्यालय पहुंचकर वरिष्ठ अधिकारियों से भी शिकायत दर्ज कराई।

मामले की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने कड़ा रुख अपनाया और रायपुर पुलिस को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। एसएसपी के निर्देशों के क्रम में बिल्डर पुनीत अग्रवाल और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है।

गौरतलब है कि पुनीत अग्रवाल वही बिल्डर हैं, जिन पर दीपावली के दौरान पटाखे जलाने पर बच्चों पर पिस्टल तानने का आरोप लगा था, जिसके बाद डीएम देहरादून ने उनका शस्त्र लाइसेंस निलंबित कर दिया था।

इसके अलावा नगर निगम की भूमि पर अवैध कब्जा करने और अवैध निर्माण से जुड़े मामलों में भी उनका नाम सामने आ चुका है, जिनमें कुछ प्रकरण एमडीडीए में लंबित हैं।

अब देखने वाली बात यह होगी कि मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस आगे क्या ठोस कार्रवाई करती है। क्योंकि जब तक शहर में अराजकता फैलाने वालों पर सख्ती नहीं होगी, तब तक नागरिकों की सुरक्षा यूं ही बार-बार सवालों के घेरे में बनी रहेगी।