बिग ब्रेकिंग: लोक अदालत में देहरादून का शानदार प्रदर्शन, एक दिन में 17 हजार से अधिक मामलों का निस्तारण

लोक अदालत में देहरादून का शानदार प्रदर्शन, एक दिन में 17 हजार से अधिक मामलों का निस्तारण

देहरादून। राजधानी देहरादून में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया, जिसमें महज एक दिन में 17,177 मामलों का निस्तारण किया गया।

इनमें 10,188 मामले विभिन्न न्यायालयों में विचाराधीन थे। लोक अदालत के दौरान कुल ₹21,75,49,988 (इक्कीस करोड़ पचहत्तर लाख उनचास हजार नौ सौ अठासी रुपये) की धनराशि पर आपसी समझौते के आधार पर सेटलमेंट किया गया।

राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली के निर्देशों के तहत पूरे देश में प्रत्येक तीन माह में राष्ट्रीय लोक अदालतों का आयोजन किया जाता है।

इसी क्रम में 13 दिसंबर को देहरादून जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक जिला मुख्यालय कोर्ट परिसर के साथ-साथ तहसील न्यायालय ऋषिकेश, विकासनगर, डोईवाला, मसूरी और चकराता में भी वर्ष की अंतिम राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजित की गई।

इन मामलों का हुआ निस्तारण

लोक अदालत में मोटर दुर्घटना दावा (MACT), सिविल मामले, पारिवारिक विवाद, चेक बाउंस, शमनीय प्रकृति के आपराधिक मामले तथा अन्य वादों की सुनवाई की गई।

देहरादून जिला मुख्यालय कोर्ट परिसर में-

  • फौजदारी (शमनीय) मामले: 511
  • बैंक संबंधी मामले: 507
  • धन वसूली से जुड़े मामले: 26
  • मोटर दुर्घटना दावा: 57
  • पारिवारिक विवाद: 59
  • श्रम बोर्ड मामले: 03
  • मोटर वाहन अधिनियम (शमनीय अपराध): 8,950
  • अन्य सिविल मामले: 48
  • इन सभी को मिलाकर मुख्यालय में 7,261 मामलों का निस्तारण किया गया।

तहसील न्यायालयों में भी बेहतर प्रदर्शन

  • विकासनगर: 1,242 मामलों का निस्तारण, ₹1.21 करोड़ का सेटलमेंट
  • ऋषिकेश: 1,377 मामलों का निस्तारण, ₹2.73 करोड़ का सेटलमेंट
  • डोईवाला: 241 मामलों का निस्तारण, ₹2.43 करोड़ का सेटलमेंट
  • मसूरी: 52 मामलों का निस्तारण, ₹9.15 लाख का सेटलमेंट
  • चकराता: 13 मामलों का निस्तारण, ₹11.16 लाख का सेटलमेंट

पेंडेंसी केस एक लाख से नीचे

राष्ट्रीय लोक अदालत में देहरादून जिले का प्रदर्शन उल्लेखनीय रहा। एक ही दिन में करीब 21 हजार मामलों के निस्तारण के बाद पहली बार देहरादून जिला न्यायालय में लंबित मामलों की संख्या एक लाख से नीचे आ गई।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, देहरादून की सचिव एवं वरिष्ठ सिविल जज सीमा डुंगराकोटी ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालतें त्वरित और सुलभ न्याय उपलब्ध कराने के साथ-साथ न्याय प्रणाली की गरिमा और विश्वास को मजबूत बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।