बिग ब्रेकिंग: बनभूलपुरा अतिक्रमण केस में फैसला फिर टला, सुरक्षा कड़ी। 500 पुलिसकर्मी तैनात

बनभूलपुरा अतिक्रमण केस में फैसला फिर टला, सुरक्षा कड़ी। 500 पुलिसकर्मी तैनात

हल्द्वानी। नैनीताल जिले के हल्द्वानी के बनभूलपुरा क्षेत्र में रेलवे भूमि अतिक्रमण मामले की सुनवाई आज सुप्रीम कोर्ट में नहीं हो सकी। पूरे दिन चीफ जस्टिस की बेंच ने एक अन्य मामले की सुनवाई की, जिसके चलते इस अहम केस पर सुनवाई टल गई।

सुनवाई की संभावित आशंका को देखते हुए प्रशासन ने इलाके में सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी कर दी थी। बनभूलपुरा क्षेत्र को छावनी में तब्दील करते हुए पुलिस ने भारी फोर्स तैनात किया और पूरे इलाके की निगरानी ड्रोन व सीसीटीवी कैमरों से जारी रखी।

चार सेक्टर में बांटा गया क्षेत्र, 500 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात

बनभूलपुरा में करीब 30 हेक्टेयर रेलवे भूमि पर अतिक्रमण का मामला सुप्रीम कोर्ट में अंतिम चरण में है। फैसले को देखते हुए जिला प्रशासन ने पूरे क्षेत्र को चार सेक्टर में विभाजित कर सघन सुरक्षा घेरा तैयार किया है।

लगभग 500 पुलिसकर्मी मौके पर तैनात हैं। सभी प्रवेश व निकास बिंदुओं पर बैरिकेडिंग कर चेकिंग बढ़ा दी गई है। पुलिस के साथ खुफिया विभाग भी लगातार निगरानी रख रहा है।

50 हजार से अधिक लोग हो सकते हैं प्रभावित

अतिक्रमण क्षेत्र में 3,660 कच्चे–पक्के मकान बने हैं, जिनमें 52 सौ से अधिक परिवार रहें हैं। यदि सुप्रीम कोर्ट का फैसला हटाने के पक्ष में आता है तो लगभग 50,000 लोग प्रभावित हो सकते हैं।

यही कारण है कि प्रशासन ने संवेदनशीलता और संभावित विरोध को देखते हुए पूरे क्षेत्र में पैदल गश्त और हाईटेक मॉनिटरिंग बढ़ा दी है।

पहले 2 दिसंबर को आना था फैसला, अब फिर से तारीख आगे बढ़ी

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला पहले 2 दिसंबर को आना था। प्रशासन ने उस समय भी व्यापक तैयारियां की थीं, लेकिन किसी कारणवश मामला आगे बढ़ाकर 10 दिसंबर कर दिया गया था। अब आज भी सुनवाई न होने के चलते निर्णय एक बार फिर टल गया है।

फ्लैग मार्च और शांति की अपील

फैसले से पहले पुलिस व प्रशासन की संयुक्त टीम ने क्षेत्र में 500 पुलिसकर्मियों के साथ फ्लैग मार्च निकाला। इस दौरान स्थानीय लोगों से अपील की गई कि कोर्ट का जो भी फैसला आए, शांति बनाए रखें।

पुलिस ने स्पष्ट किया कि किसी भी अराजक तत्व को बख्शा नहीं जाएगा और कानून-व्यवस्था से खिलवाड़ करने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

क्या है पूरा मामला?

साल 2022 में दायर एक पीआईएल में यह दावा किया गया कि बनभूलपुरा में रेलवे की लगभग 30 हेक्टेयर भूमि पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण है।

हाईकोर्ट ने 2023 में अतिक्रमण हटाने का आदेश दे दिया था। प्रशासन ने रेलवे के साथ मिलकर कार्रवाई शुरू की, लेकिन स्थानीय विरोध के चलते मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। तब से यह केस सर्वोच्च अदालत में लंबित है।

पैरा मिलिट्री फोर्स को रखा गया रिज़र्व

पिछली घटनाओं को देखते हुए प्रशासन ने इस बार अतिरिक्त सतर्कता बरती है। किसी भी आपात स्थिति के लिए पैरा मिलिट्री फोर्स को रिज़र्व में रखा गया है और तैनात पुलिसकर्मियों को हाईटेक हथियार उपलब्ध कराए गए हैं।