धराली आपदा की ‘अनकही कहानी’। कर्नल कोठियाल का खुलासा बना सियासत का केंद्र
देहरादून। उत्तरकाशी जिले के धराली में 5 अगस्त को आई भीषण आपदा को लेकर रिटायर्ड कर्नल अजय कोठियाल के ताज़ा बयान ने राज्य की राजनीति में तूफ़ान ला दिया है। आपदा में राहत और खोजबीन कार्यों पर उठाए गए उनके प्रश्नों ने सरकार की कार्यशैली को कठघरे में खड़ा कर दिया है।
कर्नल कोठियाल का दावा है कि धराली में आज भी 147 शव मलबे के नीचे दबे हैं, जबकि सरकारी आंकड़ों में केवल 53 लोग लापता दिखाए गए हैं। इस खुलासे के बाद कांग्रेस आक्रामक हो गई है और एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल 4 दिसंबर को धराली का दौरा करेगा।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि कर्नल कोठियाल का बयान दर्शाता है कि सरकार ने राहत एवं बचाव कार्यों में गंभीर लापरवाही बरती है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने अधूरे आंकड़े पेश किए और मलबे में दबे लोगों की खोजबीन के बजाय सड़क बनाकर मामले को दबाने की कोशिश की।
गोदियाल ने कहा कि कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल धराली जाकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात करेगा, वास्तविक स्थिति का आकलन करेगा और उसके बाद राज्यपाल को विस्तृत रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
इधर, कर्नल अजय कोठियाल द्वारा UCOST की बैठक में साझा किए गए वीडियो में उन्होंने साफ कहा कि “147 डेड बॉडी आज भी मलबे में दबी हैं… ऐसा नहीं है कि उन्हें निकाला नहीं जा सकता।”
उन्होंने आपदा प्रबंधन तंत्र, वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों पर सवाल उठाते हुए कहा कि धराली को “रहने लायक नहीं” बताने की तैयारी एक गलत दिशा है। कोठियाल ने कहा कि पहाड़ छोड़ने की सोच खतरनाक है और वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाकर समाधान खोजा जाना चाहिए।
कोठियाल ने बताया कि आपदा के बाद चार वैज्ञानिक धराली पहुंचे थे, लेकिन उन्होंने असली स्थिति को देखे बिना ऊपर से भेजी तस्वीरों के आधार पर रिपोर्ट तैयार कर दी। उन्होंने कहा कि NIM में रहते हुए केदारनाथ पुनर्निर्माण में धराली के युवाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, और अब वही युवा अपने प्रियजनों की तलाश में भटक रहे हैं।
कांग्रेस ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि 2013 की केदारनाथ आपदा के बाद कांग्रेस ने अपने मुख्यमंत्री को केवल इसलिए हटाया था, क्योंकि राहत कार्यों में लापरवाही सामने आई थी। गोदियाल ने कहा कि आज वही स्थिति दोहराई जा रही है और सरकार सबूत मिटाने की कोशिश कर रही है।
वहीं, बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों को राजनीतिक बयानबाजी बताया, हालांकि पार्टी प्रवक्ता विनोद चमोली ने माना कि यदि राहत कार्यों में कोई कमी हुई है तो प्रश्न उठना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि कर्नल कोठियाल को भी यह समझना चाहिए कि संवेदनशील मुद्दों पर किस तरह और कब बोलना चाहिए।
धराली आपदा में अब तक केवल चार शव बरामद किए गए हैं। एक धराली में और तीन आर्मी कैंप से। जबकि कर्नल कोठियाल दावा कर रहे हैं कि वास्तविक संख्या इससे कई गुना अधिक है। यही विरोधाभास अब इस मामले को एक बड़े राजनीतिक मुद्दे में बदल रहा है।
कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल 4 दिसंबर को धराली जाकर पूर्ण रिपोर्ट तैयार करेगा, जिसके बाद राजनीतिक हलचल और बढ़ने की पूरी संभावना है।


