हल्द्वानी में फर्जी दस्तावेज़ रैकेट का पर्दाफाश, आयुक्त दीपक रावत की छापेमारी में बड़ा खुलासा
हल्द्वानी तहसील में फर्जी दस्तावेज़ों के खेल का बड़ा खुलासा हुआ है। आयुक्त कुमाऊं व सचिव मुख्यमंत्री दीपक रावत ने गुरुवार देर शाम बनभूलपुरा निवासी अराजनबीस (दस्तावेज़ लेखक) फैजान मिकरानी के घर पर छापा मारकर फर्जी प्रमाणपत्रों का जखीरा बरामद किया।
जांच में सामने आया कि फैजान ने घर से ही और सीएससी सेंटर के ज़रिए नकली दस्तावेज तैयार कर सरकारी प्रमाणपत्र बनवाए थे।
पूरा मामला तब सामने आया जब बरेली निवासी रईस अहमद ने आयुक्त के जनता दरबार में शिकायत दर्ज कराई कि उनके नाम से किसी और व्यक्ति का स्थायी निवास प्रमाण पत्र बना दिया गया है। जांच में साबित हुआ कि यह प्रमाणपत्र फैजान मिकरानी ने फर्जी दस्तावेज़ों के सहारे तैयार किया था।
आयुक्त दीपक रावत ने तत्काल फैजान मिकरानी, शिकायतकर्ता रईस अहमद, दस्तावेज़ों के उपयोग में लाए गए देवेन्द्र पांडे व उनकी पत्नी नंदी पांडे, जलीस सहित कई संबंधितों को कैंप कार्यालय में बुलाकर कड़ी पूछताछ की। पूछताछ में सरकारी विभागों के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत भी सामने आई।
छापेमारी के दौरान सैकड़ों पुराने विद्युत बिल, फर्जी आधार और दस्तावेज़ बरामद हुए जिनका उपयोग प्रमाणपत्र बनाने में किया गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए आयुक्त ने मौके पर ही विद्युत विभाग के कर्मचारियों को तलब कर पूछताछ की। साथ ही संबंधित क्षेत्र के पटवारी और ऑनलाइन सत्यापन प्रक्रिया की जांच के आदेश उप जिलाधिकारी हल्द्वानी को दिए।
सामने यह भीआया है कि फैजान मिकरानी लोगों के दस्तावेज़ों और मोबाइल नंबरों का दुरुपयोग कर नकली ईमेल आईडी बनाता था और उन्हीं के आधार पर फर्जी निवास, जाति, आय और अन्य प्रमाणपत्र तैयार करता था।
आयुक्त दीपक रावत ने मौके पर ही उप जिलाधिकारी राहुल शाह को मुकदमा दर्ज करने के सख्त निर्देश दिए और चेतावनी दी कि तहसील परिसर में बिना लाइसेंस कोई भी दस्तावेज़ लेखन या अराजनबीसी का कार्य नहीं चलेगा।
उन्होंने कहा “यह केवल फर्जीवाड़ा नहीं, जनता के विश्वास के साथ छल है। इसमें शामिल हर व्यक्ति पर कठोर कानूनी कार्रवाई होगी। सभी संदिग्ध प्रमाणपत्रों की पुनः जांच की जाएगी।”
मौके पर पुलिस क्षेत्राधिकारी नितिन लोहनी, तहसीलदार कुलदीप पांडे उप जिलाधिकारी राहुल शाह सहित प्रशासन और पुलिस की पूरी टीम मौजूद रही।


