बिग ब्रेकिंग: भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस। सीएम धामी ने दी दो मामलों में जांच मंजूरी

भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस। सीएम धामी ने दी दो मामलों में जांच मंजूरी

रिपोर्ट-  राजकुमार धीमान

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वन विभाग में लंबित दो गंभीर मामलों में निर्णायक कदम उठाते हुए संबंधित अधिकारियों के खिलाफ पुनः जांच और अभियोजन की स्वीकृति प्रदान की है। यह कदम राज्य सरकार की भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहिष्णुता नीति को दोहराता है।

पहला मामला राजाजी राष्ट्रीय पार्क में वर्ष 2013 में हुई वन आरक्षी (सामयिक मजदूरों से भर्ती) परीक्षा में अनियमितताओं से जुड़ा है। इस प्रकरण में आरोपित अधिकारी एच.के. सिंह (भा.वन.से., सेवानिवृत्त) के खिलाफ पुनः जांच के आदेश जारी किए गए हैं।

सरकार ने इस जांच की निगरानी के लिए रंजन कुमार मिश्र, प्रमुख वन संरक्षक एवं मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक, उत्तराखंड को जांच अधिकारी नियुक्त किया है, जबकि वैभव कुमार, उप वन संरक्षक, चकराता वन प्रभाग को प्रस्तुतकर्ता अधिकारी बनाया गया है।

दूसरे मामले में मुख्यमंत्री ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 के तहत दर्ज प्रकरण में आरोपित लोक सेवक अखिलेश तिवारी (अप्रा-IFS), तत्कालीन उप वन संरक्षक / प्रभागीय वनाधिकारी, कालागढ़ टाइगर रिजर्व, लैन्सडौन के विरुद्ध अभियोजन स्वीकृति भी प्रदान कर दी है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार और अनियमितता के मामलों में शून्य सहिष्णुता की नीति पर दृढ़ता से कार्य कर रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि शासन किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार या लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगा।

“पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।” — मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी