गजब: समाज कल्याण विभाग की ‘उलटी गिनती’, मृत्यु से पहले मिली पेंशन भी मांगी वापस, सूचना आयोग हैरान

समाज कल्याण विभाग की ‘उलटी गिनती’, मृत्यु से पहले मिली पेंशन भी मांगी वापस, सूचना आयोग हैरान

रिपोर्ट- अमित भट्ट
देहरादून में जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय का अजीबोगरीब मामला सामने आया है। विभाग न सिर्फ मृत्यु के बाद जारी की गई पेंशन राशि वापस ले रहा है, बल्कि मृत्यु से पहले लाभार्थी के खाते में जमा धनराशि भी लौटा देने की मांग कर रहा है। सूचना आयोग ने इस पर हैरानी जताते हुए विभाग से स्पष्ट दिशा-निर्देश पेश करने को कहा है।

मामला मेहूंवाला माफी निवासी मेहरबान अली की अपील से जुड़ा है। उनकी मां बतूल बानो को वृद्धावस्था पेंशन मिलती थी। 24 दिसंबर 2024 को उनकी मृत्यु हो गई, जिसकी सूचना परिजनों ने समाज कल्याण विभाग को दे दी थी। इसके बावजूद विभाग ने बाद में दो किश्तों में ₹3,000 की पेंशन जारी कर दी। परिजन इस राशि को वापस करने के लिए तैयार थे।

लेकिन, विभाग ने नया फरमान सुनाते हुए कहा कि मृत्यु से पहले खाते में मौजूद ₹7,500 भी लौटाने होंगे। इस तरह कुल ₹10,500 की रिकवरी का नोटिस भेज दिया गया।

जब मेहरबान अली ने आरटीआई के जरिए पूछा कि किस नियम के तहत मृत्यु से पूर्व खाताधारक की जमा राशि वापस मांगी जा रही है, तो संतोषजनक सूचना न मिलने के कारण मामला सूचना आयोग पहुंचा।

सुनवाई में जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल ने जवाब दिया कि 23 नवंबर 2021 के शासनादेश में केवल यह स्पष्ट है कि मृत्यु के बाद नॉमिनी को आगे की पेंशन नहीं दी जाएगी और शेष राशि विभाग को वापस भेजनी होगी। लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि मृत्यु से पूर्व खाते में मौजूद धन भी वापस लिया जाए या नहीं। इस विषय पर निदेशक समाज कल्याण से मार्गदर्शन मांगा गया है।

राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने विभागीय अस्पष्टता पर आश्चर्य जताया और कहा कि यह स्थिति नागरिक अधिकारों और पारदर्शिता पर सवाल खड़े करती है। उन्होंने समाज कल्याण निदेशालय हल्द्वानी तथा जिला समाज कल्याण अधिकारी देहरादून को निर्देश दिया कि शासनादेश की व्याख्या पर उच्चस्तरीय दिशा-निर्देश प्राप्त कर सत्यापित प्रति अपीलकर्ता को उपलब्ध कराएं।

मामले में अगली सुनवाई 20 नवंबर को होगी।