करोड़ों की नकली दवा सप्लाई का भंडाफोड़, फर्जी फार्मा कंपनी पर केस दर्ज
- 6 आरोपी नामजद, कई राज्यों में सप्लाई का खुलासा
देहरादून। उत्तराखंड में नकली दवाइयों के नेटवर्क पर लगातार कार्रवाई करते हुए एसटीएफ ने एक बार फिर बड़ी सफलता हासिल की है।
बिना ड्रग लाइसेंस और जीएसटी के फर्जी फार्मा कंपनी खोलकर करोड़ों का दवा व्यापार करने वाले 6 आरोपियों के खिलाफ थाना डालनवाला में मुकदमा दर्ज किया गया है।
जांच में सामने आया कि गैस्ट्रो, ब्लड प्रेशर और पेन किलर जैसी आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली नकली दवाइयां कई राज्यों में सप्लाई की जा रही थीं।
एसटीएफ के एसआई नरोत्तम बिष्ट ने शिकायत दर्ज कराई है कि कुछ समय पहले नकली दवा मामले में पानीपत (हरियाणा) निवासी फार्मा कंपनी मालिक को गिरफ्तार किया गया था। जांच में पता चला कि फार्मा कंपनी फर्जी है और उसके पते पर कोई भी फर्म संचालित होती नहीं पाई गई।
फर्जी बैंक खाता, 13 करोड़ का लेन-देन
जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी ने 18 अक्टूबर 2023 को बिना जीएसटी और ड्रग लाइसेंस के बैंक खाता खुलवाया। दो साल में इस खाते से करीब 13 करोड़ रुपये का लेन देन हुआ। इस दौरान बिक्री और क्रय से संबंधित कोई बिल, जीएसटी रिटर्न या अन्य दस्तावेज भी प्रस्तुत नहीं किए गए।
आरोपी और उसकी पत्नी ने फर्जी फर्म के माध्यम से अवैध लेन-देन शोभा त्यागी, गौरव त्यागी (रुड़की), प्रोफेसर अनुराधा (कनखल), अभिनव शर्मा (कनखल, हरिद्वार) के बैंक खातों में किया। साथ ही अन्य राज्यों में भी नकली दवाओं के अवैध व्यापार से जुड़े बैंक खातों के नंबर प्राप्त हुए हैं।
पहले भी हो चुकी है कार्रवाई
कुछ दिन पूर्व सेलाकुई में नकली दवा फैक्ट्री में छापेमारी के बाद एसटीएफ ने 11 लोगों को गिरफ्तार किया था। इन्हीं में शामिल इस आरोपी को भी जेल भेजा गया था।
6 आरोपी चिह्नित
SSP STF नवनीत भुल्लर ने बताया कि जांच में
- प्रदीप कुमार
- श्रुति
- गौरव त्यागी
- शोभा त्यागी
- अभिनव शर्मा
- अनुराधा
के खिलाफ मामला पाया गया। एसटीएफ ने एसआई नरोत्तम बिष्ट की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है।

