उत्तराखंड हाईकोर्ट का सख्त रुख। सरकार से मांगी अतिक्रमण हटाने की विस्तृत रिपोर्ट
नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने वन विभाग, राजकीय एवं राष्ट्रीय राजमार्ग, वन भूमि और राजस्व भूमि पर हुए अतिक्रमणों के मुद्दे पर स्वतः संज्ञान जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से अब तक उठाए गए कदमों की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई की तिथि 6 नवंबर निर्धारित की है।
अधिवक्ता दुष्यंत मैनाली ने जानकारी दी कि दिल्ली निवासी एक व्यक्ति ने न्यायालय को पत्र भेजकर आरोप लगाया था कि नैनीताल के पदमपुरी क्षेत्र में वन विभाग की भूमि और सड़क किनारे कुछ लोगों ने संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध अतिक्रमण कर लिया है, जिससे आम लोगों को आवाजाही में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
न्यायालय ने इस पत्र को जनहित याचिका में परिवर्तित कर सुनवाई शुरू की। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने याचिका के दायरे को विस्तारित करते हुए पूरे उत्तराखंड में राष्ट्रीय और राजकीय राजमार्गों, वन भूमि तथा राजस्व भूमि पर हुए अतिक्रमणों को हटाने के आदेश दिए।
इसके साथ ही, सभी जिलाधिकारियों और संबंधित प्रभागीय वन अधिकारियों (DFO) को निर्देश दिए गए हैं कि वे अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई कर विस्तृत रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत करें।

