बिग ब्रेकिंग: AIFF का नया संविधान लागू। अब मंत्री नहीं बन सकेंगे फुटबॉल संघ के अध्यक्ष, सुबोध उनियाल को छोड़नी होगी कुर्सी

AIFF का नया संविधान लागू। अब मंत्री नहीं बन सकेंगे फुटबॉल संघ के अध्यक्ष, सुबोध उनियाल को छोड़नी होगी कुर्सी

  • सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में बने नए फुटबॉल संविधान से राज्यों में मचेगा भूचाल, पदाधिकारियों पर 12 साल की सीमा, मंत्रियों पर रोक

देहरादून। देश में फुटबॉल प्रशासन में ऐतिहासिक बदलाव की शुरुआत हो गई है। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) का नया संविधान लागू होने के बाद अब राज्यों के फुटबॉल संघों में भी बड़े फेरबदल तय हैं। उत्तराखंड में इसका सीधा असर देखने को मिलेगा, जहां कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल को अब उत्तराखंड फुटबॉल एसोसिएशन के अध्यक्ष पद से हटना पड़ेगा।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर पूर्व न्यायाधीश एल. नागेश्वर राव की देखरेख में तैयार इस संविधान को हाल ही में AIFF की एजीएम बैठक में 29 सदस्यों के समर्थन से मंजूरी दी गई। संविधान के तहत अब केंद्रीय या राज्य मंत्री किसी भी खेल संघ में पद नहीं संभाल सकेंगे।

क्या हैं नए संविधान की प्रमुख बातें:

  • पदाधिकारियों का अधिकतम कार्यकाल 12 वर्ष होगा।
  • अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष के अलावा 14 सदस्यीय कार्यकारी समिति होगी।
  • किसी पदाधिकारी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का प्रावधान।
  • सरकारी सेवाओं में कार्यरत या मंत्री पद पर आसीन व्यक्ति किसी पद पर नहीं रह सकता।
  •  राज्य संघों को हर साल अपनी गतिविधियों और वित्तीय विवरण की रिपोर्ट देना अनिवार्य।
  • यदि कोई संघ मानदंडों को पूरा नहीं करता, तो उसका निष्कासन संभव।

राजू गुसाईं का विश्लेषण

वरिष्ठ पत्रकार राजू गुसाईं के अनुसार, “पुराना संविधान फुटबॉल के विकास में बाधा बना हुआ था। उत्तराखंड में वर्षों से कोई ठोस गतिविधि नहीं हो रही थी। अब नया संविधान जवाबदेही और पारदर्शिता लेकर आएगा।”

संविधान से क्यों हिले उत्तराखंड के फुटबॉल गलियारे

राज्य फुटबॉल संघ की कमान कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के पास है। नए नियम लागू होने के बाद वे अब इस पद पर नहीं रह सकेंगे। वहीं, उपाध्यक्ष देवेंद्र बिष्ट ने कहा कि “यह फैसला खेल के लिए शुभ संकेत है। लंबे समय से कानूनी विवादों में फंसे फुटबॉल को अब नई दिशा मिलेगी।”

अब देखना होगा कि उत्तराखंड फुटबॉल एसोसिएशन में यह बदलाव कब और कैसे लागू होता है। मगर इतना तय है कि नए फुटबॉल संविधान ने राज्यों में खेल राजनीति के समीकरण पूरी तरह बदल दिए हैं।