हाईकोर्ट ने नैनीताल जिला पंचायत चुनाव पर उठाए सवाल, सरकार से मांगी जांच रिपोर्ट
नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान हुए पांच सदस्यों के कथित अपहरण और मतपत्र पर ओवरराइटिंग की शिकायतों को लेकर स्वतः संज्ञान और पीड़ित पक्ष की याचिका पर संयुक्त रूप से सुनवाई की।
मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने राज्य सरकार से अब तक हुई जांच की प्रगति रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए हैं। अदालत ने कहा कि सरकार यह स्पष्ट करे कि जांच में अब तक क्या कार्रवाई हुई है।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि अपहरण के मामले की जांच सीआईडी को सौंप दी गई है, और रिपोर्ट आनी बाकी है।
इस पर पीड़ित पक्ष ने आपत्ति जताते हुए कहा कि सीआईडी पहले से ही घटनास्थल पर मौजूद थी, ऐसे में उसकी निष्पक्षता संदिग्ध है। पीड़ित पक्ष ने मामले की जांच किसी उच्च स्तरीय एजेंसी से कराने की मांग की।
अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद राज्य सरकार को अब तक की जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया और अगली सुनवाई की तारीख 15 अक्टूबर निर्धारित की है।
गौरतलब है कि 14 अगस्त को नैनीताल जिला पंचायत के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के चुनाव के दौरान कुछ सदस्यों के अपहरण और मतपत्र पर ओवरराइटिंग के आरोप सामने आए थे।
इस पर न्यायालय ने स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से स्वतंत्र जांच रिपोर्ट तलब की थी, लेकिन दो माह बीत जाने के बाद भी रिपोर्ट पेश नहीं की गई है।