वक्फ कानून में बदलाव के बाद असमंजस, मंगलौर में हुई सभा
रिपोर्ट- सलमान मलिक
रूड़की/मंगलौर। वक्फ कानून में हालिया बदलाव और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुस्लिम समाज में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद वक्फ संपत्तियों से जुड़ी कई प्रक्रियाओं में राहत तो मिली है, लेकिन संपत्ति के पंजीकरण को लेकर नई चुनौतियां सामने आ रही हैं।
दरअसल, वक्फ संपत्तियों का ब्यौरा दर्ज करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से ‘उम्मीद पोर्टल’ बनाया गया है। इस पोर्टल पर देशभर की वक्फ संपत्तियों का ऑनलाइन पंजीकरण किया जाना है।
पंजीकरण की अंतिम तिथि 5 दिसंबर तय की गई है, लेकिन अभी पोर्टल में तकनीकी खामियां होने से वक्फ संपत्तियों के मुतवल्लियों और प्रबंध समितियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
इसी मुद्दे को लेकर मंगलौर में एक सभा का आयोजन किया गया, जिसमें वक्फ संपत्तियों के प्रबंधक, उलेमा और समाजसेवी शामिल हुए। सभा में पोर्टल से संबंधित जानकारियां साझा की गईं और पंजीकरण प्रक्रिया को सुचारू रूप से पूरा करने के लिए सुझाव दिए गए।
सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की ओर से प्रत्येक क्षेत्र में को-ऑर्डिनेटर नियुक्त किए गए हैं, जो मुतवल्लियों को तकनीकी सहयोग और मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। सभा में वक्ताओं ने कहा कि वक्फ संपत्तियां मुस्लिम समाज की अमानत हैं और उनका संरक्षण तथा पारदर्शी रिकॉर्ड तैयार करना समाज की प्राथमिक जिम्मेदारी है।
लोगों ने उम्मीद जताई कि सरकार जल्द ही पोर्टल की तकनीकी समस्याओं को दूर करेगी, ताकि संपत्ति का पंजीकरण कार्य समय पर पूरा किया जा सके।