उत्तराखंड में सर्किल रेट 9% से 22% तक बढ़े, अब महंगी होगी संपत्ति खरीद और रजिस्ट्री
देहरादून। प्रदेश सरकार ने दो वर्षों के अंतराल के बाद आखिरकार राज्यभर में सर्किल रेट में 9 प्रतिशत से लेकर 22 प्रतिशत तक की वृद्धि कर दी है। यह नई दरें 5 अक्टूबर से प्रभावी हो गई हैं।
सरकार का कहना है कि तेजी से बढ़ते रियल एस्टेट विकास, निर्माण कार्यों और जमीन की बढ़ती कीमतों को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है।
राजस्व विभाग के अनुसार, नई सर्किल दरें लागू होने से अब आवासीय फ्लैट, बहुमंजिला इमारतों में घर और व्यावसायिक परिसरों में दुकानें खरीदना पहले की तुलना में अधिक महंगा हो जाएगा।
जिलों को मिले निर्देश, दरें लागू
वित्त सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि सभी जिलाधिकारियों को संशोधित दरें तत्काल लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। रविवार को देहरादून जिला प्रशासन ने भी नए सर्किल रेट जारी करते हुए उन्हें 5 अक्तूबर से लागू कर दिया।
विकासशील क्षेत्रों में मुख्य रूप से बढ़े रेट
सूत्रों के अनुसार, सर्किल रेट में यह वृद्धि मुख्य रूप से उन क्षेत्रों में की गई है जहां पिछले कुछ वर्षों में रियल एस्टेट, आवासीय परियोजनाओं और वाणिज्यिक निर्माण कार्यों की गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं। ऐसे इलाकों में जमीन की मांग और कीमतों में लगातार उछाल को देखते हुए सरकार ने दर संशोधन को आवश्यक माना।
प्रस्तावों में त्रुटियों के कारण हुई देरी
जानकारी के मुताबिक, सर्किल रेट संशोधन की प्रक्रिया पहले ही शुरू हो चुकी थी, लेकिन जिलों से आए प्रस्तावों में त्रुटियां पाए जाने के कारण इसे टालना पड़ा। सरकार ने जिलों को संशोधित प्रस्ताव दोबारा भेजने के निर्देश दिए थे। लंबे विचार-विमर्श के बाद अब जाकर नई दरें लागू की गई हैं।
सरकार को मिलेगा अतिरिक्त राजस्व
सरकारी सूत्रों का मानना है कि सर्किल रेट बढ़ने से रजिस्ट्री शुल्क के रूप में सरकार के राजस्व में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। साथ ही, संपत्ति के लेन-देन में पारदर्शिता बढ़ेगी और रियल एस्टेट सेक्टर में स्पष्ट मूल्य निर्धारण की दिशा में यह एक बड़ा कदम माना जा रहा है।