UKSSSC ने तोड़ी चुप्पी। विवादित परीक्षा पर दी सफाई, कहा, प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी
देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) ने 21 सितम्बर 2025 को आयोजित स्नातक स्तरीय लिखित परीक्षा को लेकर सोशल मीडिया और विभिन्न माध्यमों पर उठ रहे सवालों का जवाब दिया है।
आयोग ने स्पष्ट किया है कि परीक्षा प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी, निष्पक्ष और शुचितापूर्ण रही है तथा किसी भी अभ्यर्थी को अनुचित लाभ पहुँचाने का आरोप निराधार है।
आयोग की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि-
- प्रश्नपत्रों की सुरक्षा: परीक्षा की गोपनीय सामग्री कोषागार के डबल लॉक में सुरक्षित रखी जाती है और परीक्षा दिवस पर पुलिस अभिरक्षा में सेक्टर मजिस्ट्रेट द्वारा परीक्षा केंद्र तक पहुँचाई जाती है।
- सीसीटीवी व्यवस्था: परीक्षा केंद्रों में दो CCTV कैमरे लगाए जाते हैं। कक्षा-कक्षों में पहले से लगे हाई-रेजोल्यूशन कैमरों को ऑफ रखा जाता है ताकि बाहर से प्रश्नपत्र की फोटो खींचने की संभावना समाप्त हो सके।
- जैमर सिस्टम: नकल रोकने के लिए सभी परीक्षा केंद्रों में जैमर लगाए गए थे। हरिद्वार के जिस परीक्षा केंद्र को लेकर विवाद हुआ, वहां भी जैमर सही तरह से काम कर रहे थे।
- ओएमआर शीट सुरक्षा: अभ्यर्थियों की मूल OMR शीट आयोग को मूल्यांकन हेतु भेजी जाती है, जबकि कार्बन कॉपी कोषागार में सुरक्षित रखी जाती है। इसलिए किसी विशेष उम्मीदवार को लाभ पहुंचाने का आरोप निराधार है।
कार्रवाई और जांच
आयोग ने बताया कि परीक्षा की शुचिता प्रभावित करने वाले व्यक्तियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। साथ ही, राज्य सरकार ने मामले की न्यायिक जांच (सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में), SIT और CBI जांच के आदेश दिए हैं। आयोग ने राज्य सरकार का आभार जताते हुए कहा कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा।
अभ्यर्थियों से अपील
आयोग ने अभ्यर्थियों से अपील की है कि वे किसी के बहकावे में न आएं। चयन प्रक्रिया में केवल मेरिट ही पैमाना है और भविष्य की परीक्षाओं में भी पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी।

