शिक्षा विभाग की कार्यशैली पर सवाल, मुख्य शिक्षा अधिकारी ने छोड़ी नौकरी
रिपोर्ट- अमित भट्ट
देहरादून। उत्तराखंड के शिक्षा विभाग में अफसरों की पदोन्नति और कार्यशैली को लेकर बड़ा मामला सामने आया है। टिहरी के मुख्य शिक्षा अधिकारी (C.E.O.) एसपी सेमवाल ने आठ माह से लंबित वाजिब प्रमोशन न मिलने पर मंगलवार 23 सितंबर 2025 को शिक्षा सचिव रविनाथ रमन को अपना त्यागपत्र भेज दिया।
उन्होंने विभाग की व्यवस्था को भ्रष्ट और लालफीताशाही से ग्रसित बताते हुए कहा कि जब ईमानदारी और निष्ठा का सम्मान नहीं होता, तब सेवा छोड़ देना ही उचित है।
एसपी सेमवाल ने अपने इस्तीफे में स्पष्ट किया है कि 27 मार्च 1999 से अब तक उन्होंने निष्ठा के साथ शिक्षा विभाग, राज्य और हितधारकों की सेवा की है। उन्होंने शैक्षिक योजनाओं, नीतियों और नवाचारों को लागू करने में अहम भूमिका निभाई। परंतु, पदोन्नति में अनावश्यक देरी और पारदर्शिता की कमी ने उन्हें हताश कर दिया।
सेमवाल ने अपने पत्र में अपने लंबे योगदानों का उल्लेख किया—राज्य के पहले राजकीय/राजीव गांधी नवोदय विद्यालय की स्थापना में नोडल अधिकारी की भूमिका, शिक्षा अधिनियम का ड्राफ्ट तैयार करने, सेवा नियमों को सुव्यवस्थित करने और प्रारंभिक शिक्षा के राजकीयकरण जैसे अहम फैसलों में उनका योगदान रहा।
उनका कहना है कि फरवरी 2025 में घोषित रिक्तियों के बावजूद उन्हें अपर निदेशक पद पर पदोन्नति नहीं दी गई, जबकि कई अफसर प्रभारी व्यवस्था में ही पदोन्नति के पदों पर बैठे हैं। सेमवाल ने इस स्थिति को अन्यायपूर्ण बताते हुए स्वयं को शासकीय कार्यों से मुक्त करने की मांग की है।
यह इस्तीफा अब सरकार के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है, क्योंकि बिना निस्तारण ऐसे मामलों में त्यागपत्र स्वीकार करना आसान नहीं होगा। साथ ही, यह शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर भी गंभीर सवाल खड़े करता है।


 
                     
                    