CBI ने पूर्व CM हरीश रावत को किया तलब, बोले, “चुनाव आते ही मिल जाता है नोटिस”
देहरादून। उत्तराखंड के साल 2016 के चर्चित स्टिंग ऑपरेशन का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत को पूछताछ के लिए नोटिस भेजा है।
नोटिस पर प्रतिक्रिया देते हुए हरीश रावत ने कहा, “लंबे समय बाद फिर सीबीआई के दोस्तों को मेरी याद आई है। जब भी चुनाव नजदीक आते हैं, मुझे नोटिस मिलता है। इस बार भी जैसे-जैसे चुनाव पास आ रहे हैं, वैसे-वैसे नोटिस आ गया।”
पूर्व सीएम ने कहा कि वे सीबीआई के सामने पेश होंगे लेकिन फिलहाल अक्टूबर तक का समय चाहते हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर सीबीआई अफसरों को “दोस्त” कहकर संबोधित किया और नोटिस को “With Thanks” स्वीकार करने की बात भी कही।
हरीश रावत ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार को अब भी उनमें ताकत नजर आती है। “मैं कह रहा हूं कि अब मुझमें ताकत नहीं बची, लेकिन लगता है सरकार और सीबीआई को अब भी मुझमें ताकत दिख रही है।”
क्या है 2016 का स्टिंग प्रकरण?
मार्च 2016 में हरीश रावत के मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान एक स्टिंग ऑपरेशन सामने आया था। इसमें कथित तौर पर वे विधायकों से लेन-देन की बात करते दिखे। आरोप है कि यह स्टिंग खानपुर विधायक और पूर्व पत्रकार उमेश कुमार ने किया था।
बाद में एक और स्टिंग वीडियो सामने आया, जिसमें पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत और कांग्रेस विधायक मदन बिष्ट का नाम जुड़ा। मामला गरमाने के बाद जांच सीबीआई को सौंपी गई। इस प्रकरण में कई नेताओं को नोटिस भेजे गए थे।
अब सियासी हलचल तेज
स्टिंग केस में CBI नोटिस मिलने के बाद उत्तराखंड की राजनीति में हलचल बढ़ गई है। कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी चुनावी फायदे के लिए जांच एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है, जबकि बीजेपी इस पर चुप्पी साधे हुए है।