बड़ी खबर: शिक्षकों का बड़ा आंदोलन। गढ़वाल से कुमाऊं तक जुलूस, सचिवालय और सीएम कार्यालय का होगा घेराव

शिक्षकों का बड़ा आंदोलन। गढ़वाल से कुमाऊं तक जुलूस, सचिवालय और सीएम कार्यालय का होगा घेराव

देहरादून। उत्तराखंड में शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर अब जन समर्थन जुटाने की रणनीति बना ली है। आने वाले दिनों में शिक्षक संघ गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक विशाल जुलूस निकालकर सरकार पर दबाव बनाएगा। यही नहीं, शिक्षक संघ ने विधायकों और मुख्यमंत्री कार्यालय तक घेराव की रूपरेखा तैयार कर दी है।

राजकीय शिक्षक संघ लंबे समय से शत-प्रतिशत पदोन्नति, प्रधानाचार्य पदों पर सीधी भर्ती का विरोध, और स्थानांतरण प्रक्रिया शुरू करने की मांग कर रहा है। मगर अब तक सरकार की ओर से सकारात्मक कदम नहीं उठाए जाने के बाद संघ ने आक्रामक रुख अपनाने का ऐलान किया है।

श्रीनगर और हल्द्वानी में होंगे जुलूस

शिक्षक संघ ने तय किया है कि छुट्टी के दिन गढ़वाल के श्रीनगर और कुमाऊं के हल्द्वानी में विशाल जुलूस निकाले जाएंगे। इसका उद्देश्य शिक्षकों की मांगों पर आम जनता का समर्थन हासिल करना है। साथ ही संघ ने सरकारी कार्यक्रमों के बहिष्कार और अपने-अपने क्षेत्रों में विधायकों का घेराव करने का भी फैसला किया है।

सचिवालय और मुख्यमंत्री कार्यालय का घेराव

संघ ने यह भी साफ किया है कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं तो सभी ब्लॉक और जिला मुख्यालयों पर आंदोलन के साथ-साथ सचिवालय और मुख्यमंत्री कार्यालय का घेराव भी किया जाएगा।

अतिरिक्त जिम्मेदारियों से इंकार

संघ ने निर्णय लिया है कि सभी प्रभारी प्रधानाचार्य और डायट प्राचार्य अब केवल शिक्षण कार्य ही करेंगे। यदि सरकार ने अधीनस्थ कर्मचारियों को प्रभार सौंपने की कोशिश की, तो शिक्षक संघ इसका विरोध करेगा और विभागीय अधिकारियों पर मानसिक उत्पीड़न व मानहानि का मुकदमा भी दर्ज करेगा।

पढ़ाई से जुड़े कार्य ही करेंगे शिक्षक

आपदा की स्थिति को देखते हुए शिक्षक संघ ने पढ़ाई से जुड़े कार्यों का बहिष्कार नहीं किया है। लेकिन, शिक्षण कार्य के अतिरिक्त किसी भी अन्य काम को शिक्षक अब नहीं करेंगे।

राजकीय शिक्षक संघ, उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने कहा, “हमारा आंदोलन शिक्षकों की न्यायोचित मांगों को लेकर है। शिक्षक संघ किसी के दबाव में आए बिना अपनी मांगें पूरी होने तक चरणबद्ध आंदोलन जारी रखेगा।”