अस्पताल में चोरी, मंदिर में “प्रणाम”! देखें वीडियो….
- सुशीला तिवारी अस्पताल में मरीज के तीमारदार का बैग उड़ा ले गए चोर, बेटे के इलाज के पैसे और कागज़ात भी गायब
हल्द्वानी। सुशीला तिवारी अस्पताल (STH) से चोरी की एक चौंकाने वाली वारदात सामने आई है। बीमार बेटे का इलाज कराने पहुंचे पिता का रुपयों और दस्तावेज़ों से भरा बैग दो शातिर चोर पार कर ले गए।
हैरानी की बात यह है कि चोरी करने के तुरंत बाद आरोपी अस्पताल परिसर के मंदिर में पहुंचे और हाथ जोड़कर भगवान को धन्यवाद भी दिया। यह पूरी घटना अस्पताल के सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गई और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने से हड़कंप मच गया।
नैनीताल जिले के गरमपानी (खैरना) निवासी श्याम सिंह अपने जवान बेटे तनुज रावत को गंभीर बीमारी के इलाज के लिए 22 अगस्त को STH में भर्ती कराए थे। ऑपरेशन और इलाज के लिए बड़ी मुश्किल से उन्होंने 25 हजार रुपये नकद जुटाए थे। पैसों के अलावा बेटे का स्कूल सर्टिफिकेट, राशन कार्ड, आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड और अन्य ज़रूरी दस्तावेज भी एक बैग में रखे थे।
रविवार तड़के करीब 5 बजे जब श्याम सिंह थककर वार्ड में बेटे के पास ही सो गए, तभी दो चोर अस्पताल में दाखिल हुए और मौका पाकर बैग चुरा ले गए। सीसीटीवी फुटेज में साफ दिखा कि चोरी के बाद आरोपी मंदिर पहुंचे, हाथ जोड़कर भगवान को प्रणाम किया और मंदिर की घंटी भी बजाई।
पीड़ित श्याम सिंह ने मेडिकल चौकी में रिपोर्ट दर्ज कराई। चौकी प्रभारी बीएस मेहता ने बताया कि फुटेज खंगाले जा रहे हैं और चोरों की तलाश में पुलिस की कई टीमें लगी हैं। संदिग्धों के स्केच तैयार कर विभिन्न जगहों पर भेजे गए हैं।
श्याम सिंह का कहना है कि यह मामला सिर्फ पैसों की चोरी तक सीमित नहीं है, बल्कि बेटे के इलाज से जुड़े अहम दस्तावेज भी चोरी हो गए हैं। उन्होंने प्रशासन से आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
STH में चोरी की यह कोई पहली घटना नहीं है। अस्पताल में पहले भी कई बार मरीजों और तीमारदारों के सामान चोरी होने की शिकायतें सामने आ चुकी हैं। लगातार बढ़ती वारदातों ने अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
अस्पताल आने वाले लोगों में डर और गुस्से का माहौल है। उनका कहना है कि यहां रोज़ाना सैकड़ों मरीज और तीमारदार आते हैं, लेकिन सुरक्षा इंतज़ाम नाकाफी हैं। लोगों ने मांग की है कि अस्पताल प्रशासन और पुलिस अब कड़े कदम उठाए ताकि मरीजों और उनके परिजनों को राहत मिल सके।