न्यायाधीशों की अनोखी पहल। नैशनल यूथ दिवस पर घर से न्यायालय तक पैदल यात्रा
नैनीताल। नैशनल यूथ दिवस 2025 के मौके पर उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों ने एक अनोखी मिसाल पेश की। मुख्य न्यायाधीश की अनुपस्थिति में सभी न्यायाधीश आज अपने आवासों से न्यायालय तक पैदल यात्रा करके पहुंचे।
उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से जारी पत्र के अनुपालन में इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस विशेष तरीके से मनाया गया। न्यायाधीशों को घर से पैदल न्यायालय आने के लिए प्रेरित किया गया, ताकि युवा पीढ़ी को नई चुनौतियों का सामना करने और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रेरणा मिल सके।
पदयात्रा में क्रमवार सबसे पहले न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय पहुंचे, उनके बाद न्यायमूर्ति आलोक वर्मा अकेले पैदल पहुंचे। न्यायमूर्ति आलोक मेहरा और आशीष नैथानी एक साथ आए, जबकि न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित और रविन्द्र मैठाणी साथ-साथ पहुंचे। वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल भी पैदल न्यायालय पहुंचे।
इस अवसर पर उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल योगेश कुमार गुप्ता, रजिस्ट्रार विजिलेंस सुबीर कुमार, रजिस्ट्रार ज्यूडिशियल धर्मेंद्र सिंह अधिकारी, रजिस्ट्रार इंस्पेक्शन प्रतिभा तिवारी, रजिस्ट्रार प्रोटोकॉल विवेक श्रीवास्तव, रजिस्ट्रार विक्रम, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव और कर्मचारी भी मौजूद रहे।
पदयात्रा का उद्देश्य न केवल युवाओं को राष्ट्र विकास के प्रति जागरूक करना था, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और स्वास्थ्य के महत्व को भी रेखांकित करना था।