बिग ब्रेकिंग: भ्रष्टाचार के आरोप में परिवहन निगम के डीजीएम (वित्त) भूपेंद्र कुमार निलंबित

भ्रष्टाचार के आरोप में परिवहन निगम के डीजीएम (वित्त) भूपेंद्र कुमार निलंबित

देहरादून। उत्तराखंड परिवहन निगम ने उप महाप्रबंधक (वित्त) भूपेंद्र कुमार को भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। सतर्कता अधिष्ठान, देहरादून में उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (संशोधित अधिनियम 2018) की धारा 7, 13(1)(बी) और 13(2) के तहत मुकदमा संख्या 9/2025 दर्ज है, जिसकी जांच जारी है।

परिवहन निगम की प्रबंध निदेशक रीना जोशी द्वारा 8 अगस्त को जारी आदेश के अनुसार, यह कार्रवाई उत्तराखंड परिवहन निगम अधिकारी सेवा (सामान्य) विनियमावली, 2009 के भाग-पांच के विनियम 77 के तहत की गई है। आदेश में कहा गया है कि निलंबन अवधि में भूपेंद्र कुमार को नियमों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ता, अर्द्ध वेतन पर देय अवकाश वेतन की राशि के बराबर, तथा पात्र होने पर महंगाई भत्ता और अन्य अनुमन्य प्रतिकर भत्ते मिलेंगे, बशर्ते वे लिखित रूप में प्रमाणित करें कि निलंबन के दौरान किसी अन्य सेवा, व्यापार या व्यवसाय में संलग्न नहीं हैं।

विजिलेंस के अनुसार, भूपेंद्र कुमार पर आरोप है कि उन्होंने अनुबंधित बस ऑपरेटरों और ढाबा संचालकों से भुगतान के बदले रिश्वत मांगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मंजूरी के बाद ही उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज किया गया। यह मामला दो साल से जांच के दायरे में था और 17 जुलाई 2025 को विजिलेंस ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।

भूपेंद्र कुमार ने गिरफ्तारी से बचने के लिए नैनीताल हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की, लेकिन अदालत ने राहत नहीं दी। साथ ही उन्हें जांच में सहयोग करने और बिना अनुमति देश से बाहर न जाने के निर्देश दिए। विजिलेंस जांच में खुलासा हुआ कि भूपेंद्र और उनके परिवार के बैंक खातों में 59 लाख 82 हजार 300 रुपये की अवैध जमा राशि मिली है।