BIS द्वारा “मानक मंथन” कार्यक्रम का आयोजन। टिशू उत्पादों पर राष्ट्रीय मानकों को लेकर हुआ मंथन
देहरादून। ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS), देहरादून शाखा कार्यालय ने मंगलवार को होटल रेजन्टा में “मानक मंथन” नामक एक परामर्श कार्यक्रम का आयोजन किया। यह कार्यक्रम भारतीय मानक IS 14661 (भाग 2) — टिशू पेपर एवं टिशू उत्पादों के मसौदा संशोधन पर आधारित था। कार्यक्रम में उद्योग, तकनीकी संस्थानों और सरकारी एजेंसियों के विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ BIS देहरादून के निदेशक श्री सौरभ तिवारी ने किया। उन्होंने कहा कि बदलती उपभोक्ता मांग और उद्योग की आवश्यकता के अनुरूप मानकों को समय-समय पर अद्यतन करना बेहद जरूरी है। उन्होंने मानकीकरण में सभी हितधारकों की भागीदारी को अनिवार्य बताया।
BIS के उपनिदेशक सचिन एस. मेनन ने तकनीकी सत्र में ड्राफ्ट मानक की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने टिशू नैपकिन, टॉयलेट टिशू, टॉवल टिशू और फेशियल टिशू जैसे उत्पादों के लिए प्रस्तावित विशिष्टताओं को समझाया।
इस दौरान सेंचुरी पल्प एंड पेपर मिल, नैनीताल के उप महाप्रबंधक श्री हेम चंद जोशी ने औद्योगिक अनुभव साझा करते हुए मानकों के व्यवहारिक पक्षों को रेखांकित किया। वहीं BIS के संयुक्त निदेशक सचिन चौधरी ने मानकीकरण की प्रक्रिया, परीक्षण व्यवस्था और प्रमाणन प्रणाली पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में CPPRI (सहारनपुर), FRI (वन अनुसंधान संस्थान), विभिन्न टिशू उद्योगों, तकनीकी विशेषज्ञों और सरकारी विभागों के 70 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए।
विशेष अतिथि के तौर पर इंडियन एग्रो एंड पेपर इंडस्ट्री यूनियन (IAU) के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने BIS के इस प्रयास की सराहना की और कहा कि उद्योग एवं मानकीकरण संस्थानों के बीच समन्वय से गुणवत्ता में बड़ा सुधार संभव है।
कार्यक्रम में उत्तराखंड उद्योग विभाग के अधिकारियों ने भी भाग लिया और राज्य सरकार की ओर से मानकीकरण और गुणवत्ता उन्नयन में पूर्ण सहयोग देने का आश्वासन दिया।
कार्यक्रम के अंत में खुले सत्र में प्रतिभागियों ने सुझाव दिए, जिन पर BIS द्वारा सकारात्मक विचार करने का आश्वासन दिया गया। इस कार्यक्रम को मानकों को व्यवहारिक और उद्योगोन्मुखी बनाने की दिशा में एक उपयोगी पहल माना जा रहा है।