पत्नी पर पिस्टल तानने के आरोप में पूर्व ब्लॉक प्रमुख का लाइसेंस निलंबित
- पूर्व ब्लॉक प्रमुख यश यादव पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर शस्त्र लाइसेंस लेने का आरोप
- पत्नी का आरोप– मारपीट और पिस्टल से धमकाता था, जान का खतरा
- डीएम देहरादून सविन बंसल ने तत्काल प्रभाव से लाइसेंस किया निलंबित
- 15 दिन में जवाब नहीं मिला तो लाइसेंस होगा निरस्त
देहरादून। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के पूर्व ब्लॉक प्रमुख यश यादव पर देहरादून में शस्त्र लाइसेंस फर्जीवाड़े और घरेलू हिंसा के गंभीर आरोप लगे हैं। यश यादव पर आरोप है कि उन्होंने देहरादून के रेसकोर्स क्षेत्र का फर्जी पता दिखाकर पिस्टल का लाइसेंस हासिल किया, और इस हथियार का इस्तेमाल अक्सर पत्नी को धमकाने के लिए करते थे।
पत्नी शिखा यादव ने 1 अगस्त को जिलाधिकारी देहरादून सविन बंसल से मिलकर विस्तृत शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि यश यादव वर्ष 2015 से 2020 तक मैनपुरी के ब्लॉक प्रमुख रहे हैं।
उनके पास मैनपुरी से जारी राइफल का एक वैध लाइसेंस पहले से है, लेकिन वर्ष 2018-19 में उन्होंने उत्तराखंड में फर्जी पते के आधार पर एक और पिस्टल का लाइसेंस प्राप्त कर लिया।
पत्नी का आरोप – “जान से मारने की धमकी देता है”
शिकायत में शिखा यादव ने कहा कि शादी के बाद से ही यश उन्हें दहेज के लिए प्रताड़ित करते रहे। आए दिन मारपीट करते और पिस्टल कनपटी पर तानकर जान से मारने की धमकी देते।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि यश यादव का किसी अन्य महिला से अवैध संबंध है, जिसके चलते उन्हें कई बार रंगे हाथ पकड़ा गया है।
डीएम का कड़ा एक्शन, लाइसेंस निलंबित
शिकायत की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी सविन बंसल ने शस्त्र लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। साथ ही नेहरू कॉलोनी थाना प्रभारी को आदेश जारी किया गया कि यश यादव का हथियार कब्जे में लेकर पुलिस अभिरक्षा में रखा जाए।
डीएम कार्यालय की ओर से यश यादव को नोटिस जारी कर 15 दिन में जवाब मांगा गया है कि क्यों न उनका लाइसेंस स्थायी रूप से निरस्त कर दिया जाए।
आपराधिक छवि भी उजागर
शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि यश यादव के खिलाफ कोतवाली मैनपुरी में धोखाधड़ी व जालसाजी का मामला दर्ज है, जो वर्तमान में न्यायालय में विचाराधीन है। शिखा यादव का आरोप है कि उनके पति आपराधिक प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं और उन्हें लगातार जान का खतरा है।
जांच के बाद निरस्तीकरण तय
डीएम देहरादून ने बताया कि प्रथम दृष्टया फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जारी हुआ यह शस्त्र लाइसेंस निरस्तीकरण योग्य है। विधिक राय लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। साथ ही, यदि जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया तो शस्त्र लाइसेंस स्थायी रूप से निरस्त कर दिया जाएगा।