बिग ब्रेकिंग: नकल माफिया गैंग का पर्दाफाश, गिरोह का सरगना सहित 09 आरोपी गिरफ्तार

नकल माफिया गैंग का पर्दाफाश, गिरोह का सरगना सहित 09 आरोपी गिरफ्तार

हल्द्वानी। नैनीताल पुलिस ने प्रतियोगी परीक्षाओं में संगठित नकल रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए बड़ी सफलता हासिल की है। हल्द्वानी के टीपीनगर क्षेत्र में होटल जलविक के कमरे नंबर 103 में छापेमारी कर पुलिस ने गैंग लीडर सहित कुल 09 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह एसएससी जैसी अहम परीक्षाओं में सॉल्वर के माध्यम से नकल कराने की साजिश रच रहा था।

गिरोह का नेटवर्क और आरोपी

  • पुलिस जांच में सामने आया है कि यह गिरोह पूरे उत्तर भारत में फैला हुआ था।

गिरोह के दो सरगना

  • सुनील कुमार (बागपत, उत्तर प्रदेश)
  • परविंदर कुमार (बागपत मूल निवासी, हाल निवासी देहरादून)

इनके साथ गिरफ्तार अन्य आरोपी

  • स्माकांत शर्मा उर्फ राहुल (बुलंदशहर)
  • अभिषेक कुमार (हाथरस)
  • विशाल गिरी (मेरठ, वर्तमान: हरिद्वार)
  • आफताब खान (मुजफ्फरनगर)
  • अरुण कुमार (मुजफ्फरनगर)
  • शिव सिंह (हाथरस)
  • जसवीर सिंह (रोहतक, मूल निवासी जींद, हरियाणा)

गिरोह की कार्यप्रणाली

पुलिस के अनुसार आरोपी पहले से एक-दूसरे को जानते थे और आर्थिक तंगी व कर्ज में डूबे होने के कारण इस नेटवर्क का हिस्सा बने।

इन्होंने मानपुर पश्चिम स्थित ज्ञानकोश डिजिटल लाइब्रेरी को लीज पर लिया, और AnyDesk व Ammy Admin जैसे रिमोट सॉफ्टवेयर के जरिए परीक्षा केंद्रों से ऑनलाइन जुड़कर सॉल्वर के जरिए नकल कराने की योजना बनाई थी। छात्र-छात्राओं से प्रत्याशी बदलने और पास कराने की एवज में 4 लाख रुपये तक वसूलने की योजना थी।

बरामदगी

छापेमारी के दौरान पुलिस ने मौके से 2 लैपटॉप (Lenovo Thinkpad Ryzen Pro T495 व HP Ryzen 3) 11 मोबाइल फोन, एक वाईफाई डोंगल, चार्जर आदि उपकरण जब्त किए।

आपराधिक पृष्ठभूमि

  • गिरफ्तार आरोपियों में कई पर पहले से केस दर्ज हैं।
  • सुनील कुमार पर मुजफ्फरनगर कोतवाली में, परविंदर और जसवीर पर थाना सिविल लाइंस मेरठ में मुकदमे दर्ज हैं।

मुख्यमंत्री के ‘नकल मुक्त परीक्षा अभियान’ को मिली मजबूती

इस कार्रवाई को एसपी प्रह्लाद नारायण मीणा के नेतृत्व में अंजाम दिया गया। इसे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नकलमुक्त परीक्षा अभियान के तहत एक अहम सफलता के तौर पर देखा जा रहा है।

आरोपियों के खिलाफ उत्तराखंड नकल विरोधी कानून के तहत केस दर्ज कर जांच जारी है। यह कार्रवाई राज्य में पारदर्शी और निष्पक्ष भर्ती प्रणाली की दिशा में एक और बड़ा कदम मानी जा रही है।