चार फर्मों पर छापेमारी। 1.54 करोड़ रुपये के फर्जीवाड़े का खुलासा
देहरादून। राज्य कर विभाग (स्टेट जीएसटी) उत्तराखंड ने सिर्फ कागजों में चल रही माल की खरीद पर करोड़ों रुपये की आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) हजम करने का मामला पकड़ा है।
मिश्र धातु (लोहा, एल्यूमिनियम, तांबा) से इंगट (पिंड) बनाने का काम करने वाली और वर्क कांट्रेक्ट से जुड़ी फर्में सिर्फ कागजों में माल की खरीद कर रही थीं।
साथ ही इस फर्जी खरीद पर या तो इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) प्राप्त किया जा रहा था या फर्जी आइटीसी को अपनी कर की देयता से समायोजित कर शून्य कर दिया जा रहा था।
आयुक्त राज्य कर सोनिका के निर्देश पर हरिद्वार और रुड़की क्षेत्र में 04 फर्मों पर छापेमारी में की गई। प्रारंभिक जांच में ही 1.54 करोड़ रुपये का फर्जीवाड़ा पकड़ा गया। जिसे फर्मों ने तत्काल जमा भी करा दिया।

राज्य कर विभाग की जानकारी में यह बात आई थी कि हरिद्वार और रुड़की क्षेत्र में पंजीकृत कुछ फर्में आइटीसी का लाभ फर्जी ढंग से प्राप्त करने के लिए दिल्ली और उत्तर प्रदेश की अस्तित्वहीन फर्मों से अपनी खरीद दिखा रही हैं।
खरीद दिखाने के लिए फर्जी बिलों का सहारा लिया जा रहा है। आयुक्त राज्य कर सोनिका के निर्देश पर संयुक्त आयुक्त आरएल वर्मा के नेतृत्व में एसआइबी (विशेष अनुसंधान शाखा) हरिद्वार ने क्षेत्र की 04 फर्मों पर छापा मारा।
जांच के दौरान स्पष्ट हो गया कि फर्जी खरीद दिखाकर खेल को अंजाम दिया जा रहा है। चोरी पकड़े जाने पर फर्मों ने तत्काल 1.54 करोड़ रुपये जमा करा दिए। जांच गतिमान है और कर चोरी का आंकड़ा और ऊपर जा सकता है।
कार्रवाई करने वाली टीम में उपायुक्त कार्तिकेय वर्मा, सहायक आयुक्त अंजनी कुमार सिंह, सुरेंद्र सिंह राणा, मो. इमरान, राज्य कर अधिकारी नितिन कुमार, अर्शित गोंदवाल, कुलदीप सिंह रावत आदि शामिल रहे।