काशीपुर में पांच अवैध मजारों पर चली प्रशासन की JCB
देहरादून। उत्तराखंड की देवभूमि में अवैध धार्मिक ढांचों के खिलाफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सरकार ने सख्त रुख अख्तियार किया हुआ है।
इसी कड़ी में आज उधमसिंह नगर में काशीपुर के कुंडेश्वरी क्षेत्र में प्रशासन ने तड़के कार्रवाई करते हुए सरकारी सीलिंग भूमि पर बनी 5 अवैध मजारों को ध्वस्त कर दिया। ये कार्रवाई स्थानीय प्रशासन और पुलिस बल की मौजूदगी में पूरी शांति के साथ संपन्न की गई।
काशीपुर के उपजिलाधिकारी (एसडीएम) अभय प्रताप सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि कुंडेश्वरी स्थित सरकारी आम बाग की सीलिंग की भूमि पर कुछ समय से अवैध रूप से धार्मिक संरचनाएं बनाई जा रही थीं।
इस मामले में प्रशासन ने 15 दिन पहले मजारों के खादिमों (प्रबंधकों) को नोटिस जारी कर भूमि व निर्माण से संबंधित वैध दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा था।
लेकिन नियत समय में कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए गए। फलस्वरूप, नियमानुसार आज सुबह प्रशासन की टीम ने बुलडोजर चलाकर इन अवैध मजारों को हटा दिया। एसडीएम ने यह भी स्पष्ट किया कि ढांचों को हटाने के बाद मौके पर कोई अवशेष नहीं मिला है। जिससे आगे दोबारा अतिक्रमण की कोई गुंजाइश न रहे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि उत्तराखंड को धार्मिक संतुलन और सांस्कृतिक विरासत की दृष्टि से सुरक्षित रखने के लिए अवैध धार्मिक संरचनाओं को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा था कि कई जगहों पर हरी-नीली चादरें डालकर अवैध रूप से सरकारी भूमि पर कब्जा किया जा रहा है जो राज्य की परंपरा और कानून के खिलाफ है।
सीएम धामी के आदेश के बाद प्रदेशभर में एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत अब तक 537 अवैध मजारों को चिन्हित कर हटाया जा चुका है। सरकार का यह कदम न केवल कानून का पालन सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है, बल्कि इससे सामाजिक सौहार्द और पारदर्शिता भी बनी रहती है।
प्रशासन ने जनता से अपील की है कि किसी भी प्रकार की धार्मिक संरचना बनाने से पहले भूमि और निर्माण से संबंधित कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करें। धार्मिक आस्था का सम्मान किया जाएगा, लेकिन किसी भी आस्था के नाम पर अवैध कब्जे की अनुमति नहीं दी जाएगी।
काशीपुर की ताजा कार्रवाई एक और उदाहरण है कि धामी सरकार अपनी बात पर अडिग है। ‘बुलडोजर’ अब सिर्फ दीवारों को नहीं गिरा रहा, बल्कि उन मानसिकताओं और मंशाओं को भी खत्म कर रहा है, जो सरकारी जमीनों पर कब्जा कर उसे धार्मिक स्वरूप देकर वैध बनाने की कोशिश करते हैं।
यह अभियान आगे भी इसी सख्ती से जारी रहेगा, ऐसा संकेत सरकार के हालिया बयानों से स्पष्ट है।