विशेष रिपोर्ट: मार्ग निर्माण की आस लगाए ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार का एलान

मार्ग निर्माण की आस लगाए ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार का एलान

  • जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों पर लगाया उपेक्षा का आरोप

रिपोर्ट- मयंक पंत

चंपावत। टनकपुर के ग्राम मनिहार गोठ के निवासियों ने आगामी पंचायत चुनाव के बहिष्कार की तैयारी शुरू कर दी है। ग्रामीणों का कहना है कि, मार्ग निर्माण न होने और क्षेत्र के प्रति जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों की उपेक्षा के चलते ग्रामीण यह निर्णय लेने को मजबूर हुए हैं।

बता दें कि, जनपद चम्पावत के ग्राम मनिहारगोठ में रेलवे के भूमि के किनारे अपनी रजिस्टर्ड भूमि में निवास करने वाले अनेकों परिवार वर्षों से मार्ग निर्माण की आस लगाए दर – दर अपनी फरियाद लेकर जाते हैं।

मार्ग निर्माण को लेकर वो कभी क्षेत्रीय सांसद को ज्ञापन देते हैं, तो कभी मुख्यमंत्री तक ज्ञापन के माध्यम से अपनी बात पहुंचाते हैं। वहीं प्रशासनिक अधिकारियों से भी सहयोग की अपेक्षा करते हुए उन्हें भी मार्ग निर्माण हेतु ज्ञापन सौंपते हैं, मगर अब तक नतीजा शून्य है।

ग्रामीणों की समस्या का आलम यह है कि, महज कुछ मिनटों की बारिश में वो मुख्यधारा से कट जाते हैं, और यदि बारिश लगातार हो जाए तो उनका बाहर निकलना लगभग नामुमकिन हो जाता है।

ग्रामीणों से बात करने पर उन्होंने बताया कि मार्ग निर्माण के सम्बन्ध वो काफी वर्षों से जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारियों से गुहार लगा रहे हैं, मगर कोई भी उनकी समस्या को कोई गंभीरता से नहीं लेता है। मार्ग की कमी के चलते बीमार व्यक्तियों को अस्पताल ले जाने में भी समस्याएं उठानी पड़ती है।

ग्रामीणों का कहना है कि मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में पूरे प्रदेश में तेजी से विकास के दावे किए जा रहे हैं, मगर मुख्यमंत्री के अपने ही विधानसभा क्षेत्र में उनकी समस्याओं की सुध लेने वाला कोई नहीं है।

रेलवे के अधिकारी भविष्य में मार्ग निर्माण करने की बात कहते हैं, मगर स्थानीय स्तर पर कोई जनप्रतिनिधि और अधिकारी उनकी समस्या को गंभीरता से नहीं लेता है तो ऐसे में क्यों किसी को वोट दिया जाए।

अब सवाल यह उठता है कि चहुमुखी विकास के दावों के बीच मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में रास्ते जैसी मूलभूत सुविधा के लिए यदि ग्रामीणों को चुनाव बहिष्कार करने का निर्णय लेना पड़े तो विकास के दावों में कितनी सच्चाई है।