उत्तराखंड में पंचायत चुनाव के संबंध में पंचायतीराज सचिव ने दी यह महत्वपूर्ण जानकारी। देखें….
देहरादून। उत्तराखंड में आगामी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। उच्च न्यायालय, नैनीताल ने पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पर फिलहाल रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार से पंचायत चुनावों में आरक्षण व्यवस्था को लेकर अपनाई गई रोस्टर प्रक्रिया पर जवाब तलब किया है।
त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में विभिन्न वर्गों के लिए आरक्षण को लेकर नियमावली और रोस्टर प्रक्रिया पर सवाल उठे थे।
याचिका में आरोप लगाया गया कि आरक्षण प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं बरती गई और कई अनियमितताएं सामने आई हैं। इसी पर संज्ञान लेते हुए नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जवाब मांगा और साथ ही चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगा दी।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद पंचायतीराज विभाग के सचिव चंद्रेश कुमार ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि सरकार आरक्षण प्रक्रिया से जुड़ी नियमावली को अंतिम रूप देने की दिशा में पहले से कार्यरत है।
उन्होंने बताया कि “त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में आरक्षण व्यवस्था से संबंधित नियमावली की अधिसूचना (गजट नोटिफिकेशन) की प्रक्रिया गतिमान है।
उन्होंने यह भी कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा पारित अंतरिम आदेश का पूरी तरह पालन किया जा रहा है और अदालत के आदेशों की पूर्ण गरिमा का सम्मान करते हुए कार्यवाही की जा रही है।
सचिव पंचायतीराज ने जानकारी दी कि आरक्षण नियमावली 2025 की गजट अधिसूचना की प्रति वर्तमान में राजकीय मुद्रणालय (प्रेस) रुड़की में छपाई के लिए भेजी गई है।
यह अधिसूचना जल्द ही माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी ताकि राज्य सरकार की स्थिति और प्रक्रिया से कोर्ट को अवगत कराते हुए न्यायिक मार्गदर्शन प्राप्त किया जा सके।
सचिव चंद्रेश कुमार ने स्पष्ट किया कि राज्य सरकार पंचायतीराज व्यवस्था को संविधान एवं विधि सम्मत रूप से संचालित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार उच्च न्यायालय के निर्देशों का पूर्ण सम्मान करते हुए आरक्षण प्रक्रिया को पारदर्शी और न्यायपूर्ण बनाने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है।
आगे की राह
इस निर्णय से जहां पंचायत चुनाव की प्रक्रिया अस्थायी रूप से थम गई है, वहीं यह स्पष्ट है कि चुनाव की अगली तारीखें और प्रक्रिया अब अदालत के निर्णय और सरकार द्वारा प्रस्तुत स्पष्टीकरण पर निर्भर करेंगी।
आगामी समय में कोर्ट में होने वाली सुनवाई के बाद ही यह तय होगा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कब और किस प्रक्रिया से कराए जाएंगे।