उत्तराखंड में छोटा घर बनाने के लिए नक्शा पास कराने की झंझट खत्म
देहरादून। उत्तराखंड में छोटे भूखंड पर घर बनाने की योजना बना रहे लोगों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। अब उन्हें भवन निर्माण के लिए नक्शा पास कराने की लंबी और जटिल प्रक्रिया से गुजरने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
उत्तराखंड आवास एवं नगर विकास प्राधिकरण (UDD) ने प्रदेश में प्री-अप्रूव्ड डिजाइन मैप योजना शुरू की है, जिसके तहत लोगों को पहले से स्वीकृत भवन मानचित्र उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस योजना का उद्देश्य छोटे भूखंड धारकों को सुविधा देना और भवन निर्माण प्रक्रिया को सरल व पारदर्शी बनाना है।
क्या है प्री-अप्रूव्ड डिजाइन मैप योजना?
इस योजना के तहत प्राधिकरण ने एक विशेष सॉफ्टवेयर (EASEAPP) पर विभिन्न भूखंड आकारों और स्थानों (मैदानी व पर्वतीय क्षेत्र) के लिए पहले से स्वीकृत नक्शे अपलोड किए हैं।
अब व्यक्ति अपने भूखंड के अनुसार इन नक्शों में से किसी एक का चयन कर सकता है और विवरण के साथ संबंधित प्राधिकरण को प्रस्तुत कर सकता है। चूंकि नक्शा पहले से स्वीकृत होता है, इसलिए उसे फिर से अप्रूव कराने की जरूरत नहीं होती।
नक्शा बनवाने के लिए आर्किटेक्ट या वास्तुविद के पास बार-बार जाने की आवश्यकता नहीं होगी। इससे न केवल समय बचेगा, बल्कि आम नागरिक के लिए लागत भी कम होगी।सबसे बड़ी बात इस पारदर्शी प्रक्रिया से गैर-जरूरी देरी और भ्रष्टाचार की गुंजाइश कम होगी।
सरलीकृत प्रक्रिया है इसमें सिर्फ भूखंड की स्वामित्व स्थिति और विवाद रहित स्थिति की जांच करनी होती है। यदि जमीन स्पष्ट है तो नक्शा मान्य माना जाता है।
वर्तमान में सॉफ्टवेयर पर कुल 815 प्री-अप्रूव्ड डिजाइन मैप अपलोड किए जा चुके हैं, जिनमें से 487 मैप मैदानी क्षेत्रों और 328 मैप पर्वतीय क्षेत्रों के लिए हैं।
प्रक्रिया कैसे काम करती है?
व्यक्ति EASEAPP सॉफ्टवेयर* (UDD का पोर्टल) पर लॉगिन करता है। अपने भूखंड का आकार, स्थान और आवश्यकताओं के अनुसार उपलब्ध डिजाइनों में से एक का चयन करता है।
चयनित नक्शे को आवश्यक विवरण (जैसे जमीन के दस्तावेज, स्वामित्व प्रमाण) के साथ संबंधित नगर विकास प्राधिकरण को प्रस्तुत करता है। यदि जमीन विवाद रहित है, तो कोई अतिरिक्त स्वीकृति की आवश्यकता नहीं होती है।