हाईकोर्ट ने किसानों को दी धान की खेती करने की सशर्त अनुमति
नैनीताल। उत्तराखण्ड उच्च न्यायालय ने बाजपुर के चार किसानों को ग्रीष्मकालीन धान की खेती करने की सशर्त अनुमति दे दी है। ये किसान बरसात में उगाई जाने वाली धान की खेती नहीं कर सकेंगे।
इस मामले को बाजपुर के की ओर से चुनौती दी गयी। इस मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति रवीन्द्र मैठाणी की पीठ में हुई।
मामले के अनुसार, किसान सुरजीत सिंह व तीन अन्य की तरफ से कहा गया कि ऊधम सिंह नगर जिला प्रशासन ने धान की ग्रीष्मकालीन खेती के लिए 31 मार्च अंतिम समय सीमा रखी थी। इसके बाद धान के पौध नहीं लगाए जा सकती जिला प्रशासन ने इसके बाद धान की नर्सरी को नष्ट करने के आदेश जारी कर दिये।
सरकार की ओर से कहा गया कि तराई में पानी की कमी और पर्यावरण को देखते हुए इसे प्रतिबंधित किया गया है। वहीं किसानों की ओर से अदालत को भरोसा दिलाया गया कि धान की बरसाती फसल का उत्पादन नहीं करेंगे। इसके बाद अदालत ने याचिकाकर्ता किसानों को ग्रीष्मकालीन खेती की अनुमति दे दी।