लेखपाल और पटवारियों की गृह तहसील में तैनाती पर शासन की रोक
देहरादून। उत्तराखंड शासन ने राजस्व उप निरीक्षकों (पटवारियों) और लेखपालों की उनकी गृह तहसील (मूल तहसील) में तैनाती पर रोक लगा दी है।
साथ ही, अब कोई भी पटवारी या लेखपाल एक ही परगना या तहसील में लगातार पांच साल से अधिक समय तक तैनात नहीं रह सकेगा। इस संबंध में अपर सचिव राजस्व, डॉ. आनंद श्रीवास्तव ने आदेश जारी कर दिए हैं।
शासन को लंबे समय से पटवारियों और लेखपालों द्वारा अपनी गृह तहसील या एक ही स्थान पर लंबे समय तक तैनात रहकर मनमानी करने की शिकायतें मिलती रही हैं।
इसके अलावा, कुछ अधिकारी अपने क्षेत्र में पारिवारिक या स्थानीय दबावों में काम करने लगते हैं, जिससे पारदर्शिता और निष्पक्ष प्रशासन प्रभावित होता है।
इन्हीं शिकायतों को ध्यान में रखते हुए शासन ने पटवारियों और लेखपालों की तैनाती से संबंधित नियमों को सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया है।
क्या हैं नए नियम?
गृह तहसील में तैनाती पर रोक: अब किसी भी राजस्व उप निरीक्षक (पटवारी) या लेखपाल को उसकी गृह तहसील (मूल तहसील) में तैनात नहीं किया जाएगा।
एक तहसील/परगना में अधिकतम पांच साल की तैनाती: कोई भी पटवारी या लेखपाल किसी एक परगना या तहसील में लगातार पांच साल से अधिक समय तक नहीं रह सकेगा।
तीन साल के बाद क्षेत्र परिवर्तन: यदि कोई पटवारी किसी विशेष क्षेत्र में लगातार तीन साल से अधिक समय तक तैनात है, तो उसे दूसरे क्षेत्र में स्थानांतरित किया जाएगा।
पांच साल तक पुरानी तहसील में वापसी नहीं: एक बार स्थानांतरित किए जाने के बाद, अगले पांच साल तक उस पटवारी या लेखपाल को उसी तहसील या परगना क्षेत्र में वापस नहीं भेजा जाएगा।
शासन ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे राजस्व उप निरीक्षक नियमावली में दिए गए निर्देशों का पालन कराएं।