धर्म संसद रोकने संबंधी याचिका पर सुनवाई। SSP को FIR दर्ज करने के निर्देश
नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने यति नरसिंहानंद द्वारा हरिद्वार में आयोजित हो रही धर्म संसद को रोकने के लिए दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए एस.एस.पी. को शांति व्यवस्था बनाए रखने और भड़काऊ भाषण देने वालों के खिलाफ एफ.आई.आर. दर्ज करने को कहा है।
सर्वोच्च न्यायलय ने शाइन अब्दुलाह बनाम केंद्र सरकार में सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिए थे कि यदि कोई व्यक्तिविशेष किसी जाति धर्म के खिलाफ भड़काऊ भाषण का सहारा लेता है, तो राज्य सरकार बिना किसी शिकायत के स्वतः संज्ञान लेकर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करें। मामले की सुनवाई के बाद न्यायालय ने याचिका को निस्तारित कर दी।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता चेतन चौहान ने बताया कि हरिद्वार निवासी मोहित चौधरी ने याचिका दायर कर कहा कि जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी यति नरसिंहानंद ने 19 से 21 दिसम्बर तक भड़काऊ भाषण का सहारा लेकर हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए कई हिंदू संगठनों को इसमें प्रतिभाग करने का आमंत्रण पत्र भेजा है।
ये सर्वोच्च न्यायलय के राज्य सरकारों को दिए गए दिशा निर्देशों के खिलाफ है, इसलिए इस धर्म संसद को रोका जाय। धर्म संसद में भड़काऊ भाषणों से दंगा होने की संभावना है लिहाजा शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए इस धर्म संसद पर रोक लगाई जाए।