इधर राज्य सलाहकार श्रम संविदा बोर्ड के नए कार्यालय का उद्घाटन, उधर शासन ने लगाई रोक। जानें पूरा मामला….
देहरादून। राज्य सलाहकार श्रम संविदा बोर्ड के अध्यक्ष कैलाश पंत को बड़ा दफ्तर चाहिए। वह रिंग रोड में पिछले वर्षों से संचालित किए जा रहे 20 हजार रुपये महीने के किराए वाले ऑफिस से खुश नहीं हैं।
लंबी खोजबीन के बाद उन्होंने राजपुर रोड पर आरटीओ के सामने वाली बिल्डिंग पर दफ्तर खोलना तय किया। किराया करीब 1.26 लाख रुपये महीना बताया गया और अध्यक्ष जी ने इसे फाइनल कर लिया।
इसके साथ ही जनवरी 2024 को अध्यक्ष कैलाश पंत ने कार्यालय का उद्घाटन भी कर लिया। हालांकि, इतना अधिक किराया देखकर शासन ने इस पर रोक लगा दी। खैर, इसके बाद दफ्तर तो शिफ्ट नहीं हो पाया, लेकिन नया विवाद जरूर शुरू हो गया।
विवाद बिल्डिंग के मालिका की ओर से दर्ज शिकायत पर शुरू हुआ है। जिसमें बिल्डिंग/स्पेस स्वामी ने कहा कि जनवरी से लेकर अब तक का बकाया अदा किया जाए। शासन यह सुनकर सकते में आ गया।
क्योंकि, बोर्ड कार्यालय की शिफ्टिंग पर तो रोक लगा दी गई थी। फिर किराया किस बात का? आखिर शासन की ना के बाद प्रस्तावित कार्यालय का आदेश वापस क्यों नहीं किया गया।
क्योंकि, शासन ने तो अधिकतम 25 हजार रुपये तक के किराए वाले भवन की ही स्वीकृति दे रखी है। क्या यह जिम्मेदारी सिर्फ अध्यक्ष की है या अन्य किसी अधिकारी के स्तर से भी चूक की गई है।
यह वाद न सिर्फ अब सहायक श्रमायुक्त दीपक कुमार की कोर्ट में दाखिल किया गया है, बल्कि शुक्रवार को सुनवाई की तिथि भी तय की गई थी। कोर्ट के समक्ष श्रम विभाग ने अपना पक्ष रख दिया है। अभी शिकायतकर्ता का पक्ष आना शेष है। माना जा रहा है कि अगली सुनवाई में इस पर निर्णय कर दिया जाएगा।
फिर भी सवाल अपनी जगह कायम है कि, जब शासन ने अधिकतम 25 हजार रुपये मासिक किराए तक के कार्यालय की अनुमति दी है तो क्यों सवा लाख के ऑफिस को फाइनल किया गया। यदि कार्यालय लेना इतना ही आवश्यक था तो शासन के अधिकारियों को भरोसे में क्यों नहीं लिया गया।
सितंबर में समाप्त हो चुका कैलाश पंत का कार्यकाल
राज्य सलाहकार संविदा श्रम बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में कैलाश पंत का कार्यकाल वैसे तो समाप्त हो चुका है, लेकिन नए अध्यक्ष की नियुक्ति तक वह इस पद पर बने रहेंगे।
शायद यह भी कारण है कि कैलाश पंत अभी भी नए कार्यालय को लेकर जोर लगा रहे हैं। वहीं, बोर्ड कार्यालय में कार्मिकों की बात की जाए तो यह गिनतीभर के ही हैं। इसके बाद भी भारी भरकम किराए वाले दफ्तर की तलाश भी सामान्य नहीं है।
विभाग ने आगे बढ़ाई थी नए दफ्तर की प्रक्रिया: पंत
संविदा श्रम बोर्ड के अध्यक्ष कैलाश पंत ने कहा कि, राजपुर रोड पर नए दफ्तर की प्रक्रिया और औपचारिकता को विभाग के कार्मिकों ने ही आगे बढ़ाया। पूर्व में मासिक किराया 35 हजार रुपये बताया गया था।
बाद में पता चला कि किराया 01 लाख 26 हजार रुपये के करीब है। इस संबंध में सभी पहलुओं पर विचार चल रहा है। विधिक राय भी ली जा रही है।