राज्य में ऊर्जा उत्पादन में UJVNL का बेहतरीन प्रदर्शन : डॉ सिंघल
देहरादून। UJVNL के मुख्यालय उज्ज्वल में निगम के प्रबंध निदेशक डॉ संदीप सिंघल द्वारा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉक्टर सिंगला ने उसे एवं लिमिटेड की उपलब्धियां गतिविधियों तथा भविष्य की योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
डॉ. सिंघल ने कहा कि निगम राज्य में ऊर्जा उत्पादन में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहा है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में निगम द्वारा 5433 मिलियन यूनिट का विद्युत उत्पादन किया गया। इस दौरान मशीनों की औसत उपलब्धता 85% से अधिक तथा ब्रेकडाउन 2% से भी कम रहा।
निगम की उत्पादन क्षमता में वृद्धि के बारे में बताते हुए डॉक्टर सिंगला ने कहा कि निगम द्वारा विगत वर्षों में 148.5 मेगावाट क्षमता की परियोजनाएं ऊर्जीकृत की गई।
इनमें देहरादून में 120 मेगावाट की व्यासी जल विद्युत परियोजना, पिथौरागढ़ में 5 मेगावाट की सुरिनगाड लघु जल विद्युत परियोजना, रुद्रप्रयाग में 4 मेगावाट की कालीगंगा-प्रथम तथा 4.50 मेगावाट की कलिगंगा-द्वितीय लघु जल विद्युत परियोजना तथा जनपद रुद्रप्रयाग में ही 15 मेगावाट की मध्यमहेश्वर जल विद्युत परियोजना शामिल हैं।
निर्माणाधीन परियोजनाओं के बारे में बताते हुए डॉ. सिंघल ने कहा कि 300 मेगावाट की लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना पर निर्माण कार्य प्रगति पर है।
साथ ही 72 मेगावाट की त्यूनी प्लासू परियोजना के सिविल कार्यों के निर्माण हेतु निविदा जारी कर दी गई है तथा 120 मेगावाट की सिरकारी भ्योल रूपसियाबगड़ जल विद्युत परियोजना के विस्तृत डिजाइन इंजीनियरिंग कार्य और निविदाता से संबंधित कार्य प्रगति पर हैं।
साथ ही 600 मेगावाट की किशाऊ बहुउद्देशीय परियोजना की डीपीआर को अपडेट किया जा रहा है। पुरानी परियोजनाओं की जीवन अवधि तथा विद्युत उत्पादकता में वृद्धि के उद्देश्य से नवीनीकरण आधुनिकीकरण और उच्च कारण के कार्य कराई जा रहे हैं जिसमें से 90 मेगावाट के तिलोथ जल विद्युत गृह तथा 51 मेगावाट की ढालीपुर जल विद्युत परियोजना के आर. एम. यू. के कार्य पूर्ण किए जा चुके हैं।
निगम द्वारा संयुक्त उपक्रम के माध्यम से 1320 मेगावाट क्षमता के पिट हेड थर्मल पावर प्लांट को स्थापित करने की प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी गई है।
डॉ. सिंघल ने आगे बताया कि, विद्युत उत्पादन बढ़ाने के प्रयासों के अंतर्गत टीएचडीसी के साथ निगम द्वारा एक संयुक्त उपक्रम बनाया गया है तथा 5 जल विद्युत परियोजनाएं इस उपक्रम को आवंटित की गई हैं।
डॉ. सिंघल ने आगे बताया कि निगम की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ है तथा वित्तीय वर्ष 22-23 में निगम द्वारा सरकार को उनके अंश पूंजी पर 20 करोड़ रुपए का लाभांश भी प्रदान किया गया है।
डॉ. सिंघल ने कहा कि UJVNL स्वच्छ हरित और सस्ती ऊर्जा सुनिश्चित करने के लिए नई तकनीक पर भी काम कर रहा है। इसके अंतर्गत यूजेवीएन लिमिटेड मौजूदा जल विद्युत परियोजनाओं के साथ पांच पंप स्टोरेज परियोजनाओं के निर्माण की दिशा में भी आगे बढ़ रहा है।
इसके अतिरिक्त निगम कई अन्य गैर पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर भी कार्य कर रहा है। इसके अंतर्गत तीन विद्युतगृहों पर बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) की स्थापना का कार्य प्रगति पर है तथा पायलट प्रोजेक्ट के अंतर्गत हरिद्वार में एक मेगावाट का ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट स्थापित किया जाना भी प्रस्तावित है।
आईआईटी रुड़की के सहयोग से मौजूद शक्ति नहरों में हाइड्रो-काइनेटिक टरबाइन के विकास का कार्य गतिमान है पूर्ण ग्राम फस के साथ संयुक्त उद्यम के माध्यम से वेस्ट टू ग्रीन कोल प्लांट का कार्यान्वयन भी किया जा रहा है।
छोटी जल विद्युत परियोजनाओं के टेल रेस चैनल पर बिजली उत्पादन के लिए स्क्रू टरबाइन की स्थापना तथा बड़ी जल विद्युत परियोजनाओं पर अलग से इकोलॉजिकल-फ्लो नआउटलेट की स्थापना भी प्रस्तावित है।
साथ ही साथ निगम पुराने बांधों, बैराजों आदि की सुरक्षा एवं जीवन वृद्धि हेतु बांध सुधारीकरण कार्यक्रम के अंतर्गत बांधों एवं बैराजों का भी कई कार्य कर रहा है।
डॉ. सिंघल ने बताया कि निगम की वित्तीय स्थिति सुदृढ़ है तथा निगम द्वारा रोजगार के कई प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष अवसर लोगों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं।